पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से आगे बढ़ने की तैयारी में भारत
चीन का कहना है, भारत के साथ सीमा विवाद जटिल हैं, इसे सुलझाने में समय लगेगा। साथ ही उसने इच्छा व्यक्त की कि सरहदों के निर्धारण पर चर्चा हो।
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दोनों देशों के बीच अलग-अलग स्तर पर कूटनीतिक व सैन्य संपर्क प्रणालीमौजूद है। दोनों ने विशेष प्रतिनिधि वार्ता की व्यवस्था भी की है।
चीनी विदेश मंत्रालय का कहना है कि हम क्रॉस बॉर्डर सहयोग बढ़ाना चाहते हैं। जैसा कि 2020 की गलवान झड़प में बीस सैनिक शहीद हो गए थे और साठ चीनी जवान भी मारे गए थे।
इसके बाद से दोनों देशों के बीच सीमा विवाद के चलते सेना आमने-सामने आती रही हैं। कई इलाकों में चीन की तरफ से घुसपैठ भी हुई।
हालांकि अब तक हुई तेईस दौर की विशेष प्रतिनिधि वार्ता के बावजूद व्यवस्थित रोडमैप बनाने में सहमति नहीं बन पाई। बीते दिनों रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह किंगदाओ में शंघाई सहयोग संगठन की बैठक के दौरान चीनी रक्षा मंत्री डोंग जुन से सीमा पर शांति-स्थिरता बनाए रखने की बात की थी।
मानसरोवर यात्रा बहाल करने की तारीफ भी की थी। यह चर्चा ऐसे वक्त हुई जब चीन बांग्लादेश व पाकिस्तान के साथ मिल कर एक नया मंच बनाने की तैयारी कर रहा है जो सार्क का स्थान ले सकता है।
हालांकि बांग्लादेश इस धारणा को खारिज कर चुका है। मगर चीन बेहतर व्यापार-संपर्क माध्यमों की सहभागिता की आड़ में पड़ोसियों से नजदीकियां बढ़ाने के संकेत देता रहा है। यूं तो चीन की विदेश नीति जटिल रही है खासकर अमेरिका के साथ। परंतु वह रूस के साथ घनिष्ठ राजनीतिक-आर्थिक-सैन्य संबंध रखता है और सुपरपावर बनने का ख्वाब भी देखता है।
हालांकि अपने चिर-परिचित अंदाज में बात करने वाले चीनी सरकार के पूर्वी लद्दाख में कुछ टकराव वाले बिन्दुओं पर पीछे हटने पर बनी सहमति को सकारात्मक तौर पर लिया जा सकता है। यह कहना जल्दबाजी नहीं है कि शर्तों के बावजूद परिसीमन पर होने वार्ता के परिणाम बेहतर सकते हैं।
अनिर्धारित, विवादित व संवेदनशील सीमाओं को विश्वास की कमी के कारण जटिल बनाने की बजाय सहमति के साथ चिन्हित करने के प्रयास दोनों पक्षों की तरफ से होने चाहिए।
भारत को पड़ोसी मुल्कों के साथ रिश्ते न सिर्फ बेहतर करने पर तवज्जो देनी चाहिए, बल्कि उनके साथ व्यापारिक-आर्थिक-परस्पर सहयोग के मार्ग भी प्रशस्त करने चाहिए। दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से आगे बढ़ने की तैयारी में कूटनीतिक कदम उठाना दूरदर्शिता ही साबित होगी।
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