संदेह से परे सुरक्षा
सिख अलगाववादी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के आरोप में कनाडा पुलिस ने तीन भारतीय नागरिकों को गिरफ्तार करने का दावा किया है।
संदेह से परे सुरक्षा |
रॉयल कनाडियन माउंटेड पुलिस ने कहा है कि वे निज्जर की हत्या में भारत सरकार की संलिप्तता की जांच कर रहे हैं। 45 वर्षीय निज्जर की पिछले वर्ष कनाडा में नकाबपोश बंदूकधारियों द्वारा गुरुद्वारे के बाहर गोली मार कर हत्या कर दी गई थी जिससे भारत और कनाडा के दरम्यान राजनयिक विवाद पैदा हो गया।
पुलिस का कहना है कि जांच अभी जारी है तथा उनके पास प्रमाण हैं, और इस मामले में भारत सरकार के तार जुड़े होने की बाबत इन्हें खंगाला जा रहा है। वैसे कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो पहले ही भारत के खिलाफ पर्याप्त सबूत होने की बात कर चुके हैं।
हालांकि भारतीय अधिकारियों ने इन आरापों का सिरे से खंडन किया था। साथ ही, कनाडा पर खालिस्तानी आतंकियों और चरमपंथियों को पनाह देने की भी बात कनाडा के समक्ष उठाई थी। गौरतलब है कि निज्जर भारत सरकार द्वारा पहले ही आतंकवादी घोषित किया जा चुका था जो ऐसे चरमपंथी अलगाव समूह का नेतृत्व कर रहा था, जो अलग खालिस्तान की मांग करता है। इस जांच में भारतीय अधिकारियों को शामिल कर कनाडाई सरकार ने अपनी निष्पक्षता दर्शाने के भी प्रयास किए हैं।
कनाडा ही नहीं, बल्कि अमेरिका और इंग्लैंड जैसे देशों में रहने वाले सिखों में भी खालिस्तान के मुखर समर्थक हैं। भारत सरकार सिख अलगाववादी आंदोलन की इस चिंगारी के भड़कने को भारत के घरेलू मामलों में हस्तक्षेप बताती रही है।
इससे पहले भी ब्रिटेन में अवतार सिंह खांडा की रहस्यमय मौत और लाहौर में परमजीत सिंह पंजवाड की गोली मार कर की गई हत्या पर भारत सरकार पर संदेह किया गया था। कोई भी सरकार अपनी अखंडता, सुरक्षा और आंतरिक मामलों में बाहर का हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं कर सकती। बहरहाल, जांच जारी है, इसलिए अभी अंतिम निष्कर्ष निकालना जल्दबाजी होगी।
खासकर इस वक्त जब देश में लोक सभा के चुनाव चालू हैं, इस तरह के विवादों से समुदाय विशेष को प्रभावित करने की आशंका भी निराधार नहीं कही जा सकती। हालांकि मोदी सरकार वैश्विक पटल पर देश की छवि को लेकर न केवल सावधान रहती है, बल्कि कड़े संदेश देने में भी कदम पीछे नहीं खींचती। चरमपथियों/आतंकवादियों को लेकर किसी भी तरह की मुलायमियत देश की सुरक्षा के लिए उचित नहीं ठहराई जा सकती।
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