प्याज का निर्यात निर्बाध

Last Updated 06 May 2024 01:30:15 PM IST

देश में चल रहे लोक सभा चुनावों के बीच शनिवार को सरकार ने प्याज निर्यात पर प्रतिबंध हटा दिया।


लेकिन न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) 550 डॉलर प्रति टन (लगभग 46 रुपये प्रति किलो ग्राम) तय किया है, और इस पर 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क भी लगेगा यानी प्याज की निर्यात खेप 770 डॉलर प्रति टन (लगभग 64 रुपये प्रति किलो ग्राम) से नीचे भेजने की अनुमति नहीं होगी।

विदेश व्यापार महानिदेशालय (जीडीएफटी) ने एक अधिसूचना में कहा है कि प्याज की निर्यात नीति को संशोधित करके तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है। पिछले साल 8 दिसम्बर को उत्पादन में गिरावट की चिंताओं के बीच सरकार ने खुदरा दाम नियंत्रित करने की गरज से प्याज निर्यात पर प्रतिबंध लगाया था।

दाम काबू में रखने के लिए प्रतिबंध लगाया गया था, जो अब हटा लिया गया है तो दाम में वृद्धि संबंधी शंका पर सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि दाम स्थिर रहेंगे और बढ़े भी बहुत मामूली बढ़ेंगे। हालांकि एहतियातन सरकार पांच लाख टन का बफर स्टॉक तैयार कर रही है ताकि जरूरत पड़ने पर बाजार में हस्तक्षेप कर सके। महाराष्ट्र के नासिक, अहमदनगर और शोलापुर जैसे प्रमुख प्याज उत्पादक क्षेत्रों में प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध हटने से खुशी का माहौल है।

इस क्षेत्र के प्याज उत्पादक काफी समय से इस बाबत मांग कर रहे थे। किसानों की तरफ से प्याज निर्यात में छूट की अपनी मांग के समर्थन में लगातार रैली निकाली जा रही थीं। शिव सेना (यूबीटी) और कांग्रेस इस मांग का समर्थन करते हुए मोदी सरकार को घेरने में जुटे थे।

चुनावी बेला होने के चलते काफी सोच-समझ कर फैसला लिया जाना जरूरी था। इसलिए सरकार ने जमीनी स्थिति का आकलन करने के लिए उच्चस्तरीय टीम महाराष्ट्र के प्याज उत्पादक क्षेत्रों में भेजी थी। टीम ने घरेलू उत्पादन संतोषजनक रहने का आकलन करते हुए वस्तुस्थिति से सरकार को अवगत कराया था।

बेशक, इस फैसले से प्याज उत्पादक किसान गद्गद् हैं क्योंकि इससे उनकी आय में वृद्धि होगी। प्याज का रकबा भी बढ़ेगा। चूंकि मौजूदा रबी सीजन और बेहतर मानसून की वजह से खरीफ के दौरान अच्छी पैदावार उतरने की संभावना है। इसलिए भी सरकार को बेहिचक फैसला लेने में आसानी रही। बहरहाल, सरकार को प्याज की उपलब्धता और कीमत पर बराबर नजर बनाए रखनी होगी।



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