बनी रहे चुनाव आयोग की गरिमा
लोकसभा चुनाव से ऐन पहले ही चुनाव आयुक्त अनूप चंद्र पांडे की सेवानिवृत्त हो गए व अरुण गोयल ने अचानक इस्तीफा दे दिया।
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राष्ट्रपति द्रौपदी मुमरु ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। अब 15 मार्च तक दो चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति की संभावना जताई जा रही है। कानून मंत्री के नेतृत्व में खोज समिति दोनों पदों के लिए पांच-पांच नामों के दो अलग-अलग पैनल तैयार करेगी।
जिसे प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली चयन समिति द्वारा चुनाव आयुक्त के तौर पर नियुक्ति के लिए दो नाम तय करेंगे। इसमें एक केंद्रीय मंत्री समेत कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी होंगे। चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
गोयल के इस्तीफे के कारणों पर तरह-तरह के कयास लगाये जा रहे हैं। गोयल 1985 बैच के पंजाब कैडर के आईएएस थे। वह 2022 में निर्वाचन आयोग में शामिल हुए थे। वर्तमान में राजीव कुमार मुख्य चुनाव आयुक्त हैं।
यह भी अंदेशा व्यक्त किया जा रहा है कि गोयल के कुमार के साथ रहे मतभेदों के कारण यह स्थिति जन्मी हो। मगर आंतरिक संचार व निर्णयों के रिकार्ड में गोयल की कोई असहमति नहीं नजर आयी है। इसलिए इसे व्यक्तिगत कारणों से दिया गया इस्तीफा बताया जा रहा है।
जिस वक्त चुनाव की तैयारियां जारी हैं। आयोग केंद्रीय बलों की तैनाती व आवाजाही को लेकर गृहमंत्रालय व रेलवे के बीच महत्त्वपूर्ण बैठकें कर रहा है। उस वक्त एक साथ दोनों चुनाव आयुक्तों की नवनियुक्ति होने तक नियमित कामों में व्यवधान तो डालेगी ही।
स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित कराने के लिए स्वतंत्र निर्वाचन आयोग की महत्त्वपूर्ण भूमिका पर संविधान ने विशेष जोर दिया गया है। चुनाव आयुक्तों पर बहुत बड़ी जिम्मेदारी होती है। जैसा कि मुख्य चुनाव आयुक्त नियुक्त होते वक्त कुमार ने कहा था कि अनाचारों को रोकने व निर्वाचनों की गुणवत्ता बढ़ाने के प्रति आयोग उत्तरदायी है।
याद रखना होगा कि मुख्य चुनाव आयुक्त रहते हुए टीएन शेषन ने आम मतदाताओं के भीतर निर्वाचन आयोग के प्रति विशेष सम्मान का भाव जगाने का काम किया था।
चुनावों के दरम्यान विपक्षी दलों व छोटे-छोटे स्थानीय दलों तथा स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने वालों के अधिकारों के साथ मतदाताओं की जागरूकता व मताधिकार प्रयोग करने के प्रति सतर्कता बनाए रखना भी आयोग का ही काम है।
इन नियुक्तियों में समय का ख्याल रखना जरूरी है। ताकि चुनावपूर्व की तैयारियों में किसी तरह का व्यवधान न आए।
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