गुरपतवंत सिंह पन्नू की संपत्ति जब्ती सही
गुरपतवंत सिंह पन्नू की संपत्तियों को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) द्वारा जब्त करने के बाद विदेशों में बैठे अन्य आतंकवादियों की संपत्ति की पहचान करने को कहा है।
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सरकार ने जांच एजेंसियों से अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा व आस्ट्रेलिया में बसे खालिस्तानी आतंकियों की पहचान करने और उनकी विदेशी नागरिकता रद्द करने को भी कहा है। राजद्रोह के तीन मामलों समेत बाइस आपराधिक मामलों में लिप्त पन्नू ने भारतीय कनाडाई हिंदुओं को देश छोड़ने व भारत लौट जाने की धमकी बीते दिनों दी थी।
पंजाब में सरकार द्वारा उन्नीस फरार खालिस्तानी आतंकवादियों की पहचान कर, उनकी सूची भी जारी की गयी है। सुरक्षा एजेंसियां वर्षो से इनकी तलाश कर रही हैं। पन्नू के बारे में एजेंसियों ने बताया है कि उसका संगठन सिख फॉर जस्टिस, भोले-भाले युवाओं को कट्टरपंथी बनाने व अपराधों के लिए उकसाने के लिए साइबर स्पेस का दुरुपयोग कर रहा था।
वह कई बार सोशल मीडिया के माध्यम से देश विरोधी उन्माद फैलाने का दोषी पाया गया है। इन आतंकियों पर विदेशों में बैठ कर भारत विरोधी एजेंडा चलाने का भी आरोप है। 2020 में भी पन्नू की संपत्तियां कुर्क की गयी थीं। जिसका उस पर कोई असर नहीं नजर आया।
इस बार उसका मकान व पैतृक गांव की कृषि समेत करोड़ों की संपत्ति अब भारत सरकार की है। सरकार के इस कड़े कदम से वह बौखला गया है। उसने बयान जारी किया कि वह चुप नहीं रहने वाला। पन्नू अमेरिका में बसा एक वांछित आतंकवादी है।
जिस पर 2020 में ही आतंकवादी गतिविधियों के चलते राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया था। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का प्यादा कहलाने वाले पन्नू ने ऐलान किया था कि स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले पर जो खालिस्तानी झंडा फहरायेगा, उसे पांच लाख डॉलर का इनाम दिया जाएगा।
तभी से सरकार का रुख खालिस्तानी आतंकवादियों को लेकर काफी सख्त हो गया। उसे दहशतगर्दी और मार-काट की आशंका के साथ ही अपनी साख की फिक्र भी सताने लगी है। पंजाव के युवाओं को भटकाने, उन्हें खतरनाक नशे मुहैया कराने और झूठे सपने दिखाकर आतंक की तरफ ढकेलने का काम नया तो नहीं है।
मगर इसे रोकने के प्रति पूर्व में सरकारी रवैया कई बार लचीला साबित हुआ है। खतरनाक आतंक वादियों से सारी दुनिया त्रस्त है।
विश्व मंच से बार-बार इनसे निपटने की बातें करने के बावजूद कड़ा रुख न अख्तियार करने का लाभ उठाते हुए ये देश की छवि पर दाग लगाने में नहीं चूकते। सही वक्त पर की गयी सख्ती और कड़े निर्णय ही शांति कायम रखने में महती भूमिका निभा सकते हैं।
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