साझा घोषणा पत्र पर सर्वसम्मति
जी20 समूह (G20) के कूटनीतिक मंच पर शनिवार को भारत ने ऐतिहासिक जीत हासिल की जब उसने जी-20 शिखर सम्मेलन में गतिरोध को समाप्त करते हुए समूह के सभी देशों को साझा घोषणा पत्र जारी करने पर सहमत कर लिया।
![]() घोषणा पत्र पर सर्वसम्मति |
ऐतिहासिक उपलब्धि इसलिए कि घोषणा पत्र को लेकर विवाद की बातें सामने आ रही थीं। यूक्रेन युद्ध के कारण माना जा रहा था कि साझा घोषणा पत्र तैयार किया जाना शायद संभव न हो, लेकिन नई दिल्ली घोषणा पत्र के सभी 83 पैराग्राफ पर सभी सदस्य देशों ने जिस तरह सहमति जताई, उसे भारत की बड़ी कूटनीतिक सफलता कहा जाएगा। बेशक, इसमें यूक्रेन युद्ध का जिक्र नहीं है मगर वहां समग्र व स्थायी शांति स्थापना की कामना जरूर है।
पहले सत्र की अध्यक्षता करते हुए पीएम नरेन्द्र मोदी ने अफ्रीकी यूनियन को जी-20 का नया सदस्य बनाने का प्रस्ताव किया जिसे सर्वसम्मति से स्वीकार किया गया। पीएम मोदी ने दिसम्बर, 2022 में बाली शिखर सम्मेलन में अफ्रीकी यूनियन को समूह की सदस्यता दिलाने का वादा किया था। अफ्रीकी यूनियन में 55 देश हैं, और इसके जी-20 में आने से समूह मजबूत होगा। भारत की अध्यक्षता के दौर में जी-20 में इस विस्तार को सार्थक और सकारात्मक पहल के रूप में याद किया जाएगा।
अफ्रीकी यूनियन के देशों में इस पहलकदमी से भारत की साख बढ़ेगी। शिखर सम्मेलन भारत को चंद्रमा पर सफल चंद्रयान-3 मिशन पर बधाई दी गई। बड़ी बात यह कि शांति के लिए सभी वगरे की प्रतिबद्धता को महत्त्वपूर्ण करार देते हुए आतंकवाद के सभी रूपों की निंदा की गई। शिखर सम्मेलन में भारत की पहलकदमियों और सभी देशों को साथ लेकर बढ़ने की भावना ने जी-20 शिखर सम्मेलन का हासिल बढ़ाया है।
न केवल जी-20 समूह की सार्थकता को साबित किया है, बल्कि भारत के कुशल कूटनय का भी परिचय दिया। तस्दीक की है कि भारत सभी देशों खासकर बनिस्बत कमजोर देशों को भी साथ लेकर चलने की कुव्वत रखता है। जी-20 शिखर सम्मेलन का साझा घोषणा पत्र अब तक सर्वाधिक व्यापक घोषणा पत्र कहा जा सकता है क्योंकि इसमें महिला सशक्तिकरण, लैंगिक समानता के साथ पर्यावरणीय मुद्दों के प्रति गंभीरता दिखाई देती है। स्वच्छ जैव ईधन के उपयोग को बढ़ावा देने की दिशा में तमाम सदस्य देशों को लामबंद करने की मंशा इस आयोजन में झलकी है। इस सफल आयोजन ने वैश्विक पटल पर एक बार फिर भारत की क्षमता की तस्दीक की है।
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