दोस्त की नाबालिग बेटी के साथ महीनों रेप, गर्त में गिरे लोग
दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग के उपनिदेशक को दोस्त की नाबालिग बेटी के साथ महीनों रेप के आरोप में निलंबित करके गिरफ्तार कर लिया गया।
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उसे सहयोग करने की आरोपित उसकी पत्नी को भी सींखचों के पीछे पहुंचा दिया गया है। प्रेमोदय खाखाअपने मृत दोस्त की 17 साल की बेटी का बुराड़ी स्थित अपने घर में लगातार रेप कर रहा था। लड़की का गर्भ ठहरा तो दंपति ने मिलकर उसका गर्भपात कराया। पुलिस के अनुसार मामला तीन साल पुराना है। कुछ समय से लड़की की बिगड़ती तबीयत के कारण उसकी मां ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया। परंतु डॉक्टरों को उसके व्यवहार से शक हुआ। उसे एंगजाइटी के दौरे पड़ रहे हैं।
काउंसलिंग के दौरान भयभीत पीड़िता ने यह सब बताया। दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने पुलिस को नोटिस जारी किया। हालांकि पीड़िता से मिलने न देने का आरोप लगाते हुए मालीवाल धरने पर बैठ गई जबकि मामला दिल्ली का ही है जिसको महिलाओं के लिए बेहद असुरक्षित माना जाता है। जहां हर रोज रेप के कम से कम छह मामले रिपोर्ट किए जाते हैं जिनमें से लगभग दो नाबालिगों के साथ होते हैं।
नैशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार साल दर साल रेप की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं जिन पर राष्ट्रीय महिला आयोग से लेकर दिल्ली महिला आयोग तक का रुख हमेशा गैर-जिम्मेदाराना रहा है। जिम्मेदार व संवेदनशील पद पर बैठा शख्स जिस तरह घिनौनी वारदात को अंजाम देता है, वह भयावह है। हालांकि इस सारे मामले को लेकर आशंकाएं भी व्यक्त की जा रही हैं क्योंकि नाबालिग आरोपित के घर में रह रही थी और उसने अपनी मां को इसकी भनक तक नहीं लगने दी।
वाकई उसके साथ तीन साल से रेप हो रहा था, तब तो वह चौदह वर्ष की ही रही होगी यानी दैहिक और मानसिक रूप से अपरिपक्व। उसे दंपति द्वारा डराया, धमकाया गया या किसी भी तरह ब्लैकमेल किया गया तो यह और भी भयावह बात है। आरोपित ने उसे फुसलाया, बरगलाया या किसी तरह के पल्रोभन में भी फंसाया तो उसका गुनाह कम नहीं हो जाता। न ही उसकी पत्नी का, जिस पर बलात्कारी की सहयोगी बने रहने के आरोप हैं। दोष सिद्ध होता है तो कड़ी से कड़ी सजा दी जाए ताकि जिम्मेदार पदासीन या रिश्तों को चिंदी-चिंदी करने वालों को सबक मिल सके।
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