मास्टर स्ट्रोक योजना
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के विशेष कामगारों और पारंपरिक शिल्पकारों के लिए 13 हजार करोड़ रुपये की विश्वकर्मा योजना को मंजूरी दी है।
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2024 के लोक सभा चुनावों को देखते हुए इसे केंद्र सरकार का मास्टरस्ट्रोक कहा जा सकता है, लेकिन वास्तविकता यह है कि विरासत में मिले पारंपरिक काम से जुड़े परिवारों के धार्मिक उत्थान के लिए यह योजना बहुत अहम है। पारंपरिक कामगारों और शिल्पकारों की आर्थिक स्थिति पिछले कुछ वर्षो से अत्यंत खराब हो गई है। इनके पास कच्चे माल और पूंजी, दोनों का अभाव रहता है। किसी से कर्ज लेकर घरों में निर्मित होने वाली वस्तुओं का उत्पादन करते भी हैं तो मशीन निर्मित वस्तुओं का मुकाबला करना इनके लिए मुश्किल भरा हो गया है।
आर्थिक कठिनाइयों से जूझ रहे कामगार और शिल्पकारों की युवा पीढ़ी अपने पारंपरिक काम के प्रति उदासीन होकर दूसरी छोटी-मोटी नौकरी करना पसंद करने लगी है। अगर इन्हें प्रोत्साहित नहीं किया गया तो भारत की हस्तशिल्प विधा धीरे-धीरे विलुप्त हो सकती है। हालांकि उपभोक्ताओं को हस्तनिर्मित वस्तुएं मशीन निर्मित वस्तुओं की तुलना में ज्यादा आकर्षित करती हैं, लेकिन दोनों की कीमतों में भारी अंतर होता है। हस्त निर्मित वस्तुएं महंगी होती हैं। इसलिए मशीन निर्मित वस्तुओं का प्रचलन ज्यादा हो गया है।
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना (Pradhan Mantri Vishwakarma Yojana) के तहत पारंपरिक काम से जुड़े 18 प्रकार के कारीगरों और शिल्पकारों का कौशल विकास किया जाएगा। योजना का लक्ष्य करीब 30 लाख पारंपरिक कामगारों और शिल्पकारों को लाभ पहुंचाना है। इनके कौशल विकास के लिए दो तरह के कार्यक्रम चलाए जाएंगे। शुरुआत में इन्हें प्रशिक्षित किया जाएगा और इस दौरान इन्हें प्रति दिन 500 रुपये दिए जाएंगे। प्रशिक्षण के बाद इनको स्वरोजगार के लिए आसान ब्याज पर लोन दिया जाएगा।
वित्तीय सहायता केंद्र सरकार मुहैया कराएगी और राज्य सरकारें इन्हें सहयोग करेंगी। देखा गया है कि केंद्र की ऐसी योजनाओं का सहयोग राज्य की विरोधी दलों की सरकारें नहीं करतीं। केंद्र और राज्य सरकारों के बीच तालमेल नहीं हुआ तो इसकी सफलता संदिग्ध है। इस योजना के सामने यह बड़ी चुनौती है। दूसरी चुनौती इनके द्वारा निर्मित वस्तुओं को बाजार मुहैया कराने की है। उम्मीद है कि प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना में राज्य सरकारें भी बढ़-चढ़कर सहयोग करेंगी।
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