पर्यटन से सुधरे छवि
भारत पर्यटन क्षेत्र के लिए अनुकूल वातावरण तैयार कर रहा है, ताकि आर्थिक वृद्धि, पर्यावरण संरक्षण व सामाजिक कुशलक्षेम में सतत रूप से योगदान दे सके।
![]() केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी |
संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में हुए कार्यक्रम में केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी (G Kishan Reddy) ने अपने संबोधन में कहा कि भारत वहनीय व हरित पर्यटन के लिए प्रतिबद्ध है। भारत पर्यटन और विभिन्न कार्यक्रमों व रणनीतियों के जरिए जोर-शोर से सतत विकास लक्ष्यों की ओर बढ़ रहा है। यह भी कहा कि हम पर्यटन क्षेत्र के लिए अनुकूल वातावरण तैयार कर रहे हैं ताकि आर्थिक वृद्धि, पर्यावरण के संरक्षण व सामाजिक कुशलक्षेम में सतत रूप से योगदान दे सकें।
उन्होंने भारत द्वारा टिकाऊ परिवर्तन के लिए राष्ट्रीय रणनीति तय करने की भी बात की। पर्यटन मंत्रालय के अनुसार पंद्रह लाख से अधिक विदेशी पर्यटक बीते वर्ष यहां आए। फॉरेन टूरिस्ट अराइवल के अनुसार इसी साल फरवरी में ही साढ़े आठ लाख से अधिक पर्यटक आए जो पिछले कुछ सालों की तुलना में काफी है। कोरोना महामारी के दरम्यान सारी दुनिया का पर्यटन लगभग लड़खड़ा गया था। मगर स्थितियां सामान्य होते ही पर्यटकों में गजब का उत्साह नजर आया।
विदेशी ही नहीं देसी घुमक्कड़ों में भी धार्मिक स्थलों के अतिरिक्त प्रसिद्ध स्थलों का भारी संख्या में आनंद लिया। भारतीय प्राकृतिक सौंदर्य के साथ ही प्राचीन संस्कृति व धरोहरों के प्रति समूची दुनिया में गजब का आकषर्ण है। जैसाकि मंत्री ने स्वीकारा हम सैलानियों के लिए अनुकूल वातावरण तैयार कर रहे हैं। क्योंकि स्थानीय वासियों के र्दुव्यवहार, ठगी, छल व दूर देश से आए मेहमान को होने वाली असुविधा या कभी-कभी उनके साथ होने वाले अपराध हमारी छवि धूमिल कर देते हैं।
पर्यटन स्थल के प्रसिद्ध बाजारों, परिवहन व ठिकानों में कई बार उनके साथ उचित बर्ताव नहीं होता। सरकारी नीतियों, सुविधाओं व कार्यक्रमों की बनिस्बत छोटी-छोटी चीजें बाहर से आने वालों के लिए असुविधाजनक साबित हो जाती हैं। प्रयास हैं कि स्थानीय बाशिंदों के भीतर पर्यटकों के प्रति जिम्मेदारी का भाव जगाया जाए, जो देसी घुम्क्कड़ों के लिए भी सुविधाजनक होगा। यह नहीं भूलना चाहिए कि पर्यटक सिर्फ मनोरम स्थानों का ही मजा नहीं लेते, बल्कि हर तरह के व्यापार, परिवहन, खान-पान में दिल खोल कर खर्च भी करते हैं जो विजनेस को बढ़ाने का महती काम करता है। साथ ही, इससे वैश्विक पटल पर हमारी छवि भी निखरती है।
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