समान हैं हक

Last Updated 21 Jun 2023 01:24:16 PM IST

केरल (Kerala) के कोवलम (Kovlam) में अलग-अलग समुदाय के युवक और युवती विवाह बंधन में बंधने ही वाले थे, तभी पुलिस आकर जबरन उन्हें ले गई।


समान हैं हक

सारा मामला वीडियो में रिकॉर्ड हो गया जिसमें दुल्हन चिल्ला-चिल्ला कर रही है कि वह जाना नहीं चाहती। पुलिसकर्मी उसे खींचकर निजी वाहन की तरफ ले जा रहे हैं। एक अधिकारी दुल्हन को गुस्से में वाहन में बैठने का आदेश दे रहा है। उसके बाद युवती को भीतर धक्का देकर वे ले गए।

युगल ने सोमवार को एक निजी टीवी चैनल से कहा था कि पुलिस उन्हें जबरन ले गई जबकि युवती ने हलफिया बयान में कहा था कि वह अपनी मर्जी से अखिल के साथ शादी कर रही है। पुलिस का कहना है कि लड़की की गुमशुदगी की रपट पर उन्होंने अपना कर्त्तव्य निभाया। युवती ने कहा, यह शिकायत उसके मां-बाप ने की थी जो इस शादी के खिलाफ थे। दोनों का एक साल से प्रेम संबंध है। दरअसल, यह मामला उतना पेचीदा नहीं है, जितना बना दिया गया।

मगर पिछले कुछ सालों से समाज में बढ़ रहा सामुदायिक वैमनस्य विभिन्न रूपों में नजर आता है। दो वयस्क किसी भी धर्म, जाति या वर्ग से हों, वे आपस में विवाह करने के लिए आजाद हैं। स्वाभाविक है कि परिवार वाले इस तरह के संबंध के प्रतिफल से घबराते हैं। वे अपनी बेटी की सुरक्षा के लिए पुलिस में गुहार लगाते हैं। पुलिसिया कार्रवाई भी किसी भी नजरिए से बुरी नहीं कही जा सकती। मगर उनका तरीका बेहद अपमानजनक है।

पुलिस और प्रशासन के पास इतने अधिकार हैं कि आम आदमी की निजता में खलल दिए बगैर भी उचित कदम उठा सकते हैं। यह बात तो प्रेमी युगल के पक्ष में जाती है, जो सारा मामला करीब ही लगे वीडियो में कैद हो गया। वरना पुलिस मुकर भी सकती थी। पिछले दिनों में कुछ ऐसी ही खबरें भी आई हैं, जिनसे पता चलता है कि एक-दूसरे के विपरीत धर्मो वाले युगलों को सरेराह परेशान किया गया। यह निर्णय किसी का भी बिल्कुल निजी होता है।

वह किससे प्रेम करे या किसके साथ घूमे। खासकर जब वह वयस्क है। परिवार वालों की फिक्र जायज है। मगर उनका हस्तक्षेप भी उचित सीमा तक ही सही कहा जा सकता है। युगल को सलीके से समझाया जा सकता है। साथ ही उन्हें उचित सलाह देकर, उनके विचारों का भी सम्मान किया जाए। पुलिस का काम उन्हें भी हिफाजत देना है, यह ध्यान रखा जाना चाहिए।



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