भारत-अमेरिका रक्षा संबंधों के रोडमैप के हित

Last Updated 08 Jun 2023 01:06:12 PM IST

भारत-अमेरिका (Indian-America) ने रक्षा संबंधों के एक रोडमैप की घोषणा की है। इसके तहत उन्नत किस्म के लड़ाकू विमानों के इंजिन, हाउत्जिर और उसके आयुधों के साझा विनिर्माण एवं उत्पादन किया जाना है।


भारत-अमेरिका रक्षा संबंधों के रोडमैप के हित

कहने के लिए इसकी सहमति रक्षा मंत्री एवं उनके अमेरिकी समकक्ष ऑस्टिन के बीच बातचीत के बाद बनी है, लेकिन इस बारे में पिछले महीने ही वाशिंगटन में अमेरिका-भारत रक्षा नीति समूह की बैठक में विचार किया जा चुका था। निश्चित रूप से विश्व राजनय की ताजा गत्यात्मकता को देखते हुए अमेरिका को यह उचित समय लगा है।

ब्रिक्स के शानदार आयोजन के तत्काल बाद इस घोषणा ने बहुतों के कान खड़े कर दिए होंगे। खासकर रूस जैसे अंतरराष्ट्रीय दोस्त-सहयोगी से लेकर प्रतिस्पर्धी पड़ोसी चीन और शत्रुता रखने वाले पाकिस्तान तक चौंक गए होंगे। तिस पर भारत सरकार ने कह दिया है कि यह नई दिल्ली के रक्षा विनिर्माण की महत्त्वाकांक्षों को अग्रिम ऊंचाई पर ले जाने वाला अपेक्षित उपक्रम है।

वाशिंगटन यूक्रेन के साथ जंग में मात न खाने वाले रूस पर नकेल कसने में इसे एक मौके के रूप में देखता है तो दक्षिण एशिया की एक महाशक्ति भारत के साथ सैन्य से सैन्य जुड़ाव एवं प्रौद्योगिकी संबंध को सघन करते हुए इस क्षेत्र में चीन की चौधराहट को कमजोर करना चाहता है।

ताजा रोडमैप से अमेरिका के सभी हित सधते हैं तो भारत को भी रक्षा विनिर्माण क्षेत्र में मजबूती मिलने का अपना फायदा है। भारत बेहद ऊंचाई पर लंबे समय तक उड़ने वाले 18 ड्रोनों को अमेरिका के जनरल ऑटोमिक एयरोनॉटिकल सिस्टम से खरीदना चाहता है।

सही है कि अमेरिका विश्व में उन्नत किस्म की रक्षा प्रौद्योगिकी का सिरमौर बना हुआ है, जो तकनीक के हस्तांतरण या उनके उत्पादन न करने देने की वजह से बना हुआ है। वह यह काम उन गिने-चुने विसनीय दोस्त के साथ ही करता है, जिसकी वह कीमत वसूलता है। वह कीमत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वैविध्यपूर्ण मैत्री के स्वतंत्र आग्रही भारत को शायद ही रु चेगी।

यूक्रेन-रूस मामले में किसी भी ब्लॉक के प्रबल दबाव के सीधा मेरु दंड रखते हुए नतमस्तक न होने वाली भारत की नीति ने सबको ठीक से समझा दिया है। भारत जिस तरह से रक्षा आपूर्ति में दोस्ती में सौदों की गुणवत्ता से समझौता नहीं करता है, और कई जगह से सामान खरीदता है, जाहिर है कि उसकी इस नीति में हेरफेर की गुंजाइश नहीं है। रोडमैप में अपने हित की अनदेखी नहीं हो।



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