पुंछ में आतंकी हमले का मोदी सरकार पाक को कब और कैसा जवाब देगी
काफी दिनों बाद जम्मू-कश्मीर (Jammu and kashmir) में सैन्य जवानों को निशाना बनाया गया। बृहस्पतिवार को पुंछ जिले में सैन्य वाहन पर 4 की संख्या में आए आतंकियों ने ग्रेनेड और अन्य घातक हथियारों से हमला किया।
![]() पुंछ में आतंकी हमला |
इस हमले में राष्ट्रीय राइफल्स के पांच जवान शहीद हो गए। जिस इलाके में यह वारदात हुई है वहां पिछले वर्ष आतंकवादियों और सैन्य कर्मियों के बीच कई दिन तक मुठभेड़ हुई थी।
बहरहाल, सेना और स्थानीय पुलिस तफ्तीश में जुटी हुई हैं और ड्रोन से आतंकियों की तलाश की जा रही है। जहां हमला हुआ वह वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलओसी) से ज्यादा दूर नहीं है। तीन तरफ से हमला करने के बाद आतंकी भारी बारिश और अंधेरे का फायदा उठाकर फरार हो गए।
साफ है कि उनकी तैयारियां सेना के जवानों के मुकाबले बेहतर थी और उन लोगों ने जवानों को पलटवार करने का कोई भी मौका नहीं दिया। हमले से हटके एक चर्चा यह भी है कि सेना और सरकार के बीच इस बात पर चर्चा हो रही थी कि राष्ट्रीय राइफल्स के जवानों को यहां से दूसरी जगह भेजा जाए और यहां केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स (CARPF) के जवानों की तैनाती की जाए।
अलबत्ता, तमाम सख्ती और सजगता के बावजूद अभी भी घाटी में कुछ इलाकों-दक्षिण पीर पांजाल श्रेणी, राजौरी सेक्टर-में आतंकवादियों की घुसपैठ होती रहती है। बृहपतिवार को हुआ हमला पीर पांजाल श्रेणी में हुआ है।
पाकिस्तान (Pakistan) हमेशा से घाटी में अस्थिरता फैलाने और निर्दोष लोगों का खून बहाने की साजिश रचता रहा है। सीज फायर और सीमा पर एक-दूसरे के खिलाफ गोलीबारी नहीं करने की शर्त के बावजूद पाकिस्तान अपनी करतूतों से बाज आता नहीं दिखता है। यह हमला ऐसे वक्त अंजाम दिया गया है जब घाटी में जी-20 की बैठक (G-20 meeting) प्रस्तावित है। हमले की जिम्मेदारी लेने वाले आतंकी संगठन पीपुल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट (PAFF) ने जी-20 बैठक (G-20 Summit) को भी निशाना बनाने की गीदड़भभकी दी है। कश्मीर में कोई भी सरकारी कार्यक्रम अगर शांति के साथ संपन्न हो जाए तो पाकिस्तान के हुक्मरान संकट में आ जाएंगे। इसलिए बीच-बीच में वह अपने पाले और पोसे गए आतंकियों के दम पर भारत में हिंसा फैलाता है।
देखना है, मोदी सरकार पाकिस्तान को कब और कैसा जवाब देती है। फिलहाल, सरकार और सेना की चुनौती जी-20 की होने वाली बैठक को बिना किसी खून-खराबे और हिंसा के बिना कराने की है।
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