Surat Court से राहुल को फिलहाल राहत नहीं
सूरत सेशन कोर्ट (Surat Session Court) ने मानहानि मामले (Defamation case) में राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की याचिका खारिज कर दी। राहुल ने मानहानि में दोषी ठहराये (Rahul convicted in defamation) जाने पर रोक लगाने की मांग की थी।
![]() फिलहाल राहत नहीं |
जज रॉबिन पॉल मोगेरा (Judge Robin Paul Mogera0 ने उनकी याचिका एक शब्द में ही खारिज कर दी।
अदालत ने कहा कि सांसदी जाना ऐसा नुकसान नहीं, जिसकी भरपाई ना हो सके। यह मामला मोदी सरनेम (Modi Surname) वाले बयान के खिलाफ दी गयी अर्जी पर चल रहा है, जिसमें कर्नाटक (Karnataka) के कोलार (Kolar) राहुल गांधी ने टिप्पणी की थी कि सभी चोरों का मोदी उपनाम कैसे हो सकता है।
इसे BJP विधायक पूर्णेश मोदी (Purnesh Modi) ने तेरह करोड़ लोगों के अपमान से जोड़ा कर उनके खिलाफ शिकायत दर्ज की।
निचली अदालत ने उन्हें दोषी ठहराते हुए, दो साल की कैद की सजा सुनाई थी। इसके कारण राहुल को लोक सभा की सदस्यता से हाथ धोना पड़ा। उनके पास अभी भी हाईकोर्ट जाने का विकल्प है।
हालांकि हाई कोर्ट फिर सर्वोच्च अदालत उन्हें दोषमुक्त नहीं करता है तो गिरफ्तारी भी संभव है। यह कांग्रेस के लिए मुश्किल खड़ा कर सकता है। अभी कांग्रेस और खुद राहुल इसे राजनैतिक मुद्दे के तौर पर ले रहे हैं। वे इसे अगले लोक सभा चुनाव में विशेष तौर पर उठाना चाह रहे हैं।
हालांकि अभी दोषी ना ठहराये जाने पर सांसदी वापिस मिलने की उम्मीद बाकी है। ऊपरी अदालतें सजा कम भी कर दें तो राहुल को जेल तो जाना ही पड़ेगा। यह भी हो सकता है कि सांकेतिक तौर पर दोषी तो माना जाए पर केवल जुर्माना देकर बरी कर दिया जाए। कई बार ऊपरी अदालतें मामले को सुनवाई लायक ना कह कर भी खारिज कर देती हैं।
राहुल के वकीलों के अनुसार, वे सोमवार को उच्च न्यायालय जा सकते हैं। अब तक किसी राजनीतिज्ञ को बयानबाजी में दो साल की सजा नहीं हुई है। इसलिए कांग्रेसी बहुत मुतमईन हैं। दूसरे, यह मामला उतना गंभीर नहीं कहा जा सकता, जिसे माफीनामे या हल्की घुड़की से ना निपटाया जा सके।
राजनीति में विपक्ष द्वारा छींटाकसी स्वाभाविक है। मगर राजनीति में भी खास तरह की राजनीति से बचाव मुश्किल है। विपक्ष के रूप में कांग्रेस पहले ही नाकामयाबी का दंश झेल रही है। उस पर यह मसला काजल काला करने जैसा ना साबित हो जाए।
| Tweet![]() |