WFI : फिर धरने पर खिलाड़ी

Last Updated 25 Apr 2023 12:45:06 PM IST

भारतीय कुश्ती संघ (Wrestling Federation of India) के अध्यक्ष व सांसद बृजभूषण सिंह (Brijbhushan Singh) के खिलाफ धरना दे रहे पहलवान सर्वोच्च अदालत पहुंच गए। ये बृजभूषण के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग कर रहे हैं।


फिर धरने पर खिलाड़ी

ये पहलवान रविवार की पूरी रात सड़क पर सोए और आम जनता से जंतर मंतर पहुंचने की अपील की।

मध्य जनवरी में रेसलर विनेश फोगाट, साक्षी मलिक, बजरंग पूनिया आदि ने फेडरेशन के अध्यक्ष सिंह पर कैंपों के दौरान शारीरिक शोषण (physical torture) के आरोप लगाए थे। विनेश ने रोते हुए बताया था कि नियमों के विरुद्ध जाकर सिंह खिलाड़ियों के साथ ही होटल में भी रुकते थे।

सिंह ने आरोपों का तुरत-फुरत खंडन किया। उन्होंने कहा, यदि यह आरोप सही निकला तो मैं फांसी पर लटक जाऊंगा। उसी वक्त इन खिलाड़ियों से खेल मंत्री अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) ने बात भी थी पर आंदोलनकारियों ने न्याय ना मिलने तक किसी भी प्रतियोगिताओं में भाग लेने से मना कर दिया था।

भारतीय ओलंपिक एसोसिएशन की अध्यक्ष पीटी ऊषा ने मैरी कॉम की अध्यक्षता में कमेटी बनाकर जांच के निर्देश दिए। साथ ही खेल मंत्रालय ने भी एक अन्य कमेटी को जांच सौंपी। मगर रविवार को फोगाट, मलिक, पूनिया आदि फिर धरने पर बैठ गए। इस बार उन्होंने सभी राजनैतिक पार्टियों को इसमें शामिल होने के लिए न्योता है।

साथ ही हरियाणा की खाप पंचायतों से बिना शर्त समर्थन भी मांगा है। सत्ता पक्ष पर पक्षपात का आरोप इसलिए भी लग रहा है क्योंकि सिंह भाजपा के सांसद हैं। जो आरोपों का खंडन करते हुए इसे राजनीति से प्रेरित ही नहीं कह रहे बल्कि इन खिलाड़ियों पर चुक जाने जैसी टिप्पणी भी कर रहे हैं। ऐसे दौर में जब सरकार विशाखा गाइडलाइंस लागू करने को प्रतिबद्ध है और ‘बेटी बचाओ’ का नारा बुलंद कर रही है; इनकी बात सुनने में कोताही करती नजर आ रही है।

कमोबेश ये वही खिलाड़ी हैं, जिन्होंने दिन-रात पसीना बहा कर देश को गौरवान्वित कराया। काम की जगह पर होने वाले शोषण से स्त्रियों को मुक्त कराने जैसा ही कदम है यह। यदि इसके पीछे आंदोलनकारियों की मंशा में खोट साबित होती है तो उसे भी देश के सामने लाना जरूरी है। क्योंकि अपने यहां लड़कियों के खेल में शामिल होने पर परिवार हिचकता है। मंत्रालय व उच्च अधिकारियों को ख्याल रखना होगा कि इस तरह की घटनाएं प्रतिभावान खिलाड़ियों की संभावनाओं के प्रति रुकावटें खड़ी करने वाली ना साबित हों।

समयलाइव डेस्क
नई दिल्ली


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