शत्रु संपत्ति से निजात

Last Updated 21 Mar 2023 01:25:49 PM IST

देश में शत्रु संपत्तियों का रहना किसी संप्रभु देश में नागरिकों को हरगिज सुहाता नहीं है।


शत्रु संपत्ति से निजात

इस संपत्तियों का शीघ्र से शीघ्र निस्तारण जरूरी होता है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने देश में मौजूद शत्रु संपत्ति के निपटारे की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इन संपत्तियों को जल्द से जल्द बेचने की तैयारी चल रही है। ये वो संपत्तियां हैं, जिनके मालिक देश छोड़कर पाकिस्तान या चीन जा चुके हैं और वहीं की नागरिकता ले चुके हैं। देश में कुल 12,611 शत्रु संपत्तियां हैं।

इनकी अनुमानित कीमत करीब एक लाख करोड़ रुपए है। गृह मंत्रालय के नोटिफिकेशन में ऐसीु संपत्ति खाली कराने और बेचने की प्रक्रिया के लिए गाइडलाइंस जारी की गई हैं। इन संपत्तियों कीे जिला अधिकारी या डिप्टी कमिश्नर की मदद से बेदखली  प्रक्रिया की जाएगी।

ये संपत्तियां भारत के शत्रु संपत्ति के अभिरक्षक (सीईपीआई) के नियंत्रण में हैं। अगर शत्रु संपत्ति की कीमत एक करोड़ से कम आंकी जाती है तो पहले इन संपत्तियों पर काबिज लोगों से ही इन्हें खरीदने की पेशकश की जाएगी। अगर ये लोग इसे खरीदने में असमर्थता जताते हैं तो फिर इनका गृह मंत्रालय द्वारा निपटारा किया जाएगा।

जिन शत्रु संपत्तियों की कीमत एक करोड़ से लेकर 100 करोड़ के बीच है, उन्हें ई-नीलामी के जरिए बेचा जाएगा या फिर केंद्र सरकार, शत्रु संपत्ति निपटारा कमेटी द्वारा सुझायी गई कीमत पर इन संपत्तियों को बेच देगी। देश में अभी तक कुल 12,611 अचल शत्रु संपत्तियों की पहचान हुई है।

ये शत्रु संपत्तियां देश के 20 राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों में फैली हुई हैं। इनमें से 12,485 संपत्तियां पाकिस्तान जा चुके लोगों की हैं, वहीं 126 संपत्तियां चीन की नागरिकता ले चुके लोगों की हैं। अभी तक सरकार द्वारा  अचल शत्रु संपत्ति में से किसी की भी बिक्री नहीं की गई है।

उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक 6,255 शत्रु संपत्तियां हैं, इसके बाद पश्चिम बंगाल (4,088 संपत्तियां), दिल्ली (659), गोवा (295), महाराष्ट्र (208), तेलंगाना (158), गुजरात (151), त्रिपुरा (105), बिहार (94), मध्य प्रदेश (94), छत्तीसगढ (78) और हरियाणा में 71 शत्रु संपत्तियां हैं।

अन्य राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में भी शत्रु संपत्तियां हैं। पाकिस्तान और चीन में बस चुके लोगों की संपत्ति अब भारत में रहने का कोई मतलब नहीं है। इससे शत्रु संपत्तियों की स्थिति भी बदलेगी और देश के नागरिकों को भी भला प्रतीत होगा।



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