विकास के पथ पर

Last Updated 14 Feb 2023 01:46:41 PM IST

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के संबोधन के साथ रविवार को उत्तर प्रदेश सरकार के तीन दिवसीय वैश्विक निवेशक सम्मलेन-2023 का समापन हो गया।


विकास के पथ पर

अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि यह प्रदेश नये भारत का विकास इंजन बनने में सक्षम है और तैयार भी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2025 तक भारतीय अर्थव्यवस्था को पांच ट्रिलियन डॉलर बनाने का लक्ष्य रखा है।

इसी तर्ज पर उत्तर प्रदेश की सरकार 2027 तक प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर बनाने के संकल्प के साथ काम कर रही है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में प्रदेश की सरकार जिस परिश्रम, उत्साह और लगन के साथ आगे बढ़ रही है उसे देखते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुमरू ने विश्वास प्रकट किया कि समावेशी विकास की सोच के साथ आयोजित यूपी वैश्विक निवेशक सम्मेलन के सार्थक परिणाम आएंगे। इस सम्मेलन में निवेशकों ने काफी रुचि दिखाई है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि इस बार 33.50 लाख करोड़ रुपये के प्रस्ताव आए हैं। वर्ष 2018 में आयोजित वैश्विक निवेशक सम्मेलन में 4.68 लाख करोड़ रुपये के निवेश के करार हुए थे। यह आंकड़े बताते हैं कि देश और दुनिया के निवेशकों और औद्योगिक घरानों का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनकी सरकार के प्रति भरोसा बढ़ा है। इसका अर्थ बहुत स्पष्ट है कि प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति में गुणात्मक सुधार हुआ है।

यह एक बड़ी वजह है जिससे उद्योगपति प्रदेश में निवेश करने के लिए बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं। प्रदेश में बेरोजगारी दूर करने की दिशा में सरकार की ‘एक जिला एक उत्पाद’ योजना कारगर सिद्ध हो रही है। हालांकि प्रदेश में हस्तशिल्प एवं लघु उद्योगों के अनेक केंद्र पहले भी थे, लेकिन उनको संरक्षण था और न ही इन उत्पादों के विपणन की समुचित व्यवस्था थी। एक जिला, एक उत्पाद योजना से इनके संरक्षण और विकास के उपाय किए गए हैं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में कहा था कि पहले ‘बीमारू’ राज्य के तौर पर जाने वाला उत्तर प्रदेश अब सुशासन के लिए पहचाना जाता है और अब यह भारत के विकास को गति देगा। उन्होंने यह भी कहा कि एक तरफ डबल इंजन की सरकार का इरादा दूसरी तरफ संभावनाओं से भरा  उत्तर प्रदेश, इससे बेहतर साझेदारी हो ही नहीं सकती। कहा जा सकता है कि विकास के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश मॉडल की चर्चा होने लगी है।

वास्तव में विकास के स्वनिर्मित मॉडल से ही प्रदेश का विकास संभव है और प्रदेश इस दिशा में आगे बढ़ गया है।



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