अक्षम्य गलती
किसी सेना से भूल से भी इस तरह की गलती की अपेक्षा नहीं की जा सकती जो किसी अन्य देश पर मिसाइल दगवा दे।
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लेकिन यह गलती हुई है और इसे स्वीकार करके खेद भी जताया गया है। पिछली 9 मार्च की शाम भारत में हरियाणा के सिरसा से दुर्घटनावश दागी गई एक मिसाइल पूर्वी पाकिस्तान की सीमा में 124 किलोमीटर अंदर मियां चन्नू इलाके में जाकर गिरी।
पाकिस्तान की सेना ने तुरंत इसकी शिकायत की। इस पर भारत का कहना था कि रूटीन मेंटेनेंस के दौरान तकनीकी गलती से मिसाइल दग गई। भारत सरकार के बयान में कहा गया कि शुक्रवार 9 मार्च को नियमित मेंटेनेंस के दौरान एक तकनीकी गलती हुई, जिसकी वजह से एक मिसाइल अचानक दग गई। रक्षा मंत्रालय के अनुसार इस घटना की उच्चस्तरीय जांच की जा रही है।
रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि पता चला है कि यह मिसाइल पाकिस्तान के इलाके में जाकर गिरी। घटना बेहद दुखद है, लेकिन साथ ही यह राहत की बात है कि इस हादसे की वजह से जान-माल का कोई नुकसान नहीं हुआ। जैसा कि स्वाभाविक ही था इस घटना के बाद पाकिस्तान सरकार ने इस्लामाबाद में भारत के उच्चायुक्त को तलब करके कड़ा एतराज जताया और इसे बिना उकसावे के पाक की वायु सीमा का उल्लंघन कहा।
उसका यह भी कहना है कि इसकी वजह से यात्री विमानों या नागरिकों के जीवन पर खतरा हो सकता था। पाक की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि भारत को इस तरह की लापरवाहियों के चलते दुखद परिणामों के प्रति सावधान रहना होगा और भविष्य में ऐसी घटनाओं के दोबारा नहीं होने के लिए प्रभावी कदम उठाना सुनिश्चित करना होगा।
पाकिस्तान ने इस मामले की जांच करा कर उसके नतीजे साझा करने की भी मांग की है। समझा जाता है कि यह जमीन-से-जमीन पर मार करने वाली सुपरसोनिक मिसाइल थी, खुशकिस्मती है कि इसमें कोई वारहेड नहीं था।
यह मिसाइल 40,000 फीट की ऊंचाई पर ध्वनि की गति से उड़ी और पाकिस्तान की सीमा में 124 किलोमीटर अंदर गिर गई। इसे राजस्थान की महाजन फील्ड फायरिंग रेंज की तरफ जाते देखा गया जो अचानक ट्रैक बदलकर पाक की ओर चली गई।
भारत और पाकिस्तान, दोनों परमाणु शक्ति संपन्न पड़ोसी देश हैं, लेकिन दोनों के बीच दुश्मनी के हालात बने रहते हैं। ऐसी गलतियां दोनों देशों में बेवजह युद्ध का कारण भी बन सकती हैं।
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