पुतिन का पलटवार

Last Updated 03 Feb 2022 12:53:45 AM IST

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिका पर आरोप लगाया है कि वह यूक्रेन को लेकर रूस पर सैन्य टकराव के लिए दबाव बनाने के प्रयास में लगा है।


पुतिन का पलटवार

पुतिन का कहना है कि यूक्रेन संकट का समाधान बहुत आसान नहीं है, लेकिन रूस इस बारे मेंबातचीत के लिए हमेशा तैयार है क्योंकि इलाके में तनाव बढ़ता जा रहा है। पुतिन की यह टिप्पणी सोमवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अमेरिका और रूस के राजनयिकों में हुई जोरदार बहस के बाद आई है। रूस ने सुरक्षा परिषद में पश्चिमी देशों पर यूक्रेन को लेकर तनाव बढ़ाने का आरोप लगाया। उसका आरोप था कि अमेरिका ने यूक्रेन में नाजियों को सत्ता में बिठा दिया है।

अमेरिका का आरोप था कि रूस बिना किसी तथ्यात्मक आधार के यूक्रेन और पश्चिमी देशों पर आक्रामक होने का आरोप लगा रहा हैं ताकि हमला करने का माहौल तैयार कर सके। पुतिन का कहना है कि पश्चिम ने मास्को की सुरक्षा चिंताओं की अनदेखी की है। रूस के अनुरोध को कोई सुन नहीं रहा। पुतिन को उम्मीद है कि देर सबेर इसका समाधान निकलेगा। हम पश्चिम के साथ और बातचीत के लिए तैयार हैं। रूस ने हमला करने की योजना से इनकार किया है। उसने नाटो और अमेरिका की गतिविधियों को मौजूदा तनाव का कारण बताया है।

मास्को को लगता है कि अमेरिका यूक्रेन की सुरक्षा के बारे में इतना चिंतित नहीं है। उसका लक्ष्य रूस के विकास को रोकना है। पुतिन के बयान से संकेत मिलता है कि हाल फिलहाल यूक्रेन पर रूसी हमले के खतरे की संभावना नहीं है। लगता है कि रूस कूटनीति को एक और मौका देना चाहता है। यूक्रेन पर अमेरिका और पश्चिमी देशों की तरफ से नाटो में शामिल होने का दबाव डाला जा रहा है। नाटो चाहता है कि वहां खतरनाक हथियार जुटाए जाएं और यूक्रेनी राष्ट्रवादी क्रीमिया को वापस पाने के लिए रूस से भिड़ जाएं। यह भयंकर युद्ध की शुरुआत होगी जिससे पूरी दुनिया खतरे में पड़ जाएगी।

इस स्थिति से बचने के लिए रूस बातचीत की संभावना को बरकरार रखे हुए है। यूक्रेन पर बैठक बुलाने का अमेरिकी प्रस्ताव सुरक्षा परिषद में पास हो चुका है। हालांकि भारत ने मतदान में शिरकत नहीं की। रूस चाहता था कि नाटो वादा करे कि यूक्रेन को कभी सदस्यता नहीं दी जाएगी और नाटो हथियारों को रूसी सीमा के पास तैनात नहीं करेगा। नाटो और अमेरिका इस पर चुप लगा गए। ऐसे भारत जैसे देशों के लिए दुविधा हो जाती है क्योंकि वह चीन के खिलाफ बने क्वाड संगठन में अमेरिका के साथ है, तो रूस से उसकी मित्रता ऐतिहासिक रूप से पुरानी है।



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