कार में मास्क क्यों?

Last Updated 03 Feb 2022 12:51:17 AM IST

दिल्ली हाई कोर्ट ने कार चलाते समय अकेले रहने पर भी मास्क लगाने की अनिवार्यता को बेतुका बताया है।


कार में मास्क क्यों?

जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस जसमीत सिंह की पीठ ने दिल्ली सरकार और डीडीएमए (दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण) से इस मामले में फिर से विचार करने को कहा है। पीठ का मानना है कि अब परिस्थितियां बदल चुकी हैं, और कोरोना महामारी का प्रकोप भी ज्यादा नहीं रह गया है। गौरतलब है कि इससे पूर्व एकल पीठ कार के अंदर अकेले रहने पर भी मास्क लगाने की अनिवार्यता को सही ठहरा चुकी थी। उसका कहना था कि सड़क सार्वजनिक स्थान है, और एहतियात नहीं बरतने पर किसी के लिए भी संक्रमण का खतरा पैदा हो सकता है।

एकल न्यायाधीश का आदेश 7 अप्रैल, 2021 में उस वक्त आया था जब उन्होंने वकीलों की चार याचिकाएं खारिज कर दी थीं। दिल्ली हाई कोर्ट की मौजूदा टिप्पणी उस मामले में सामने आई है, जिसमें वाहन का शीशा चढ़ाकर काफी पीते व्यक्ति का दो हजार रुपये का चालान कर दिया गया और दिल्ली सरकार के वकील जब अदालत के संज्ञान में लाए कि 2021 के अदालती फैसले के आलोक में अभी भी ऐसे चालान किए जा रहे हैं। गौरतलब है कि कोरोना महामारी के बढ़ते संक्रमण के मद्देनजर कार चलाते व्यक्ति (भले ही कार में अकेला हो) के लिए भी मास्क अनिवार्य रूप से पहनने का आदेश डीडीएमए ने पारित किया था।

दिल्ली हाई कोर्ट ने अपनी मौजूदा टिप्पणी में कहा है कि जरूरी तौर पर इस आदेश को रद्द करने पर विचार किया जाए। दिल्ली में कोरोना संक्रमण की रफ्तार थम रही है। पिछले चौबीस घंटे में नये मामले, संक्रमण की दर और मौत में भी कमी दर्ज की गई। मंगलवार को कोविड-19 के 2,683 नये मामले आए। संक्रमण से 27 लोगों की मौत हुई। संक्रमण की दर 5.09 फीसद रही। सोमवार को 2,779 नये मामले आए थे। संक्रमण की दर 6.20 फीसद थी।

नियम-कायदों की अनुपालना के जरिए स्थितियां सहज और माकूल बनाने के प्रयास किए जाते हैं, अनुपालना के लिए अर्थदंड और सजा जैसे प्रावधान होते हैं। लेकिन समय के साथ जरूरी नहीं रहे नियमों और कानूनों को रद्द किया जाता है, तो आस्ति मिलती है कि बेवजह उत्पीड़न करने की न तो मंशा है, न ही नीयत है।



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