चौकस रहना होगा
आतंकवादियों के हौसले किस कदर बढ़े हुए हैं कि यह इस बात से समझा जा सकता है कि एक संगठन ने दोबारा ऐसी साजिश को अंजाम देने की चेतावनी दी है।
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टेलीग्राम ग्रुप में गाजीपुर फूल मंडी में आईईडी रखने की जिम्मेदारी लेने वाले अल कायदा से जुड़े संगठन मुजाहिदीन गजवत उल हिंद (एमजीएच) ने आगे भी इस तरह की वारदात की धमकी दी है। चैट में संगठन ने दोहराया कि सुरक्षा एजेंसियां इस बात से ज्यादा खुशफहमी न पालें कि आईईडी में धमाका नहीं हुआ। यह वाकई हम सभी के लिए चिंता की बात है।
गौरतलब है कि देश के तीन अलग-अलग हिस्सों में रिमाट से बम विस्फोट कराने की पटकथा अल कायदा और पाकिस्तान में बैठे इनके आकाओं ने लिखी थी। गणतंत्र दिवस के पहले भारत में अमन-चैन को पटरी से उतारने और निदरेषों का खून बहाने की पटकथा पाकिस्तान में बैठे इनके आकाओं ने लिखी है। साथ ही पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। सुरक्षा एजेंसियों की तफ्तीश में यह ज्ञात हुआ है कि भारत में मौजूद स्लीपर सेल को सक्रिय किया गया है और खून-खराबा करने के लिए निर्देशित किया गया है।
पंजाब और जम्मू-कश्मीर में भी बरामद बम से भी इस बात की पुष्टि हुई है कि पाकिस्तान से 24 बमों का कंसाइनमेंट भारत भेजा गया है। मतलब साफ है कि ऐसे वक्त में भारत में निदरेषों का खून बहाया जाए जब यहां चुनाव के साथ ही गणतंत्र दिवस नजदीक हो। आतंकवादी संगठनों को पालने-पोसने में पाकिस्तान की भूमिका से कभी इनकार नहीं रहा। भारत में शांति का वातावरण बने और लोग मिल-जुलकर रहें; इस भावना को जख्मी करने में पाकिस्तान हमेशा से आगे रहा है।
उसने तमाम तिकड़मों के जरिये पड़ोसी मुल्क में अस्थिरता की साजिश रची, मगर उसके धत्कर्म कभी फलित नहीं हुए। उसे इस बात की न तो कभी फ्रिक होती है और न इस बात की शर्म कि एक वक्त आजाद हुए दोनों देशों में अब कितना फर्क है? तरक्की पसंद होने के बजाय हमेशा खून बहाने के बारे में सोचने से कभी किसी का भला हुआ है क्या? भारत के लिए चुनौती यह है कि उसे पाकिस्तान के साथ चीन और नेपाल से भी सतर्क रहना पड़ता है। खैर, हमें अपनी एकजुटता बनाए रखनी होगी और इस बात के लिए भी हमेशा चौकस रहना होगा कि पाकिस्तान के पाले आतंकी कुछ गलत न कर दें।
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