रॉबर्ट वाड्रा के सपोर्ट में खड़ें हुए राहुल गांधी, बोले- ED की कार्रवाई को साजिश करार दिया

Last Updated 18 Jul 2025 12:01:46 PM IST

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने हरियाणा के शिकोहपुर में एक जमीन सौदे से जुड़े धन शोधन के एक मामले में कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा के कारोबारी पति रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ गुरूवार को आरोपपत्र दाखिल किया है।


कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा हरियाणा के शिकोहपुर में एक जमीन सौदे से जुड़े धन शोधन के मामले में रॉबर्ट वाद्रा के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किए जाने को शुक्रवार को दुर्भावनापूर्ण और राजनीति से प्रेरित कार्रवाई करार दिया और कहा कि वह अपने बहनोई और उनके परिवार के साथ खड़े हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि आखिरकार सत्य की जीत होगी।

राहुल गांधी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, "मेरे बहनोई को पिछले 10 वर्षों से इस सरकार द्वारा प्रताड़ित किया जा रहा है। यह नवीनतम आरोपपत्र उसी की अगली कड़ी है।"

उन्होंने कहा, "मैं रॉबर्ट, प्रियंका और उनके बच्चों के साथ खड़ा हूं क्योंकि वे दुर्भावनापूर्ण, राजनीति से प्रेरित बदनामी और उत्पीड़न के एक और हमले का सामना कर रहे हैं।"

उन्होंने इस बात पर जोर दिया, "मैं जानता हूं कि वे सभी किसी भी तरह के उत्पीड़न का सामना करने का साहस रखते हैं और वे सम्मान के साथ ऐसा करना जारी रखेंगे।"



राहुल गांधी ने कहा कि आखिरकार सत्य की विजय होगी।

गौरतलब है कि यह पहली बार है जब किसी जांच एजेंसी ने 56 वर्षीय वाड्रा के खिलाफ आपराधिक मामले में अभियोजन शिकायत (आरोप पत्र) दाखिल की है।

उन्होंने बताया कि वाड्रा और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के प्रावधानों के तहत यहां एक स्थानीय अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया गया है। संघीय जांच एजेंसी ने अप्रैल में लगातार तीन दिनों तक मामले में वाड्रा से पूछताछ की थी।

वाद्रा के खिलाफ जांच हरियाणा के गुरुग्राम के मानेसर-शिकोहपुर (अब सेक्टर 83) में हुए ज़मीन सौदे से जुड़ी है। फरवरी 2008 का यह सौदा स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी ने किया था, जिसके निदेशक पहले वाद्रा थे। कंपनी ने शिकोहपुर में ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज से 7.5 करोड़ रुपये में 3.5 एकड़ जमीन खरीदी थी।

उस समय हरियाणा में भूपेंद्र सिंह हुड्डा नीत कांग्रेस की सरकार थी। चार साल बाद, सितंबर 2012 में, कंपनी ने यह जमीन रियल्टी क्षेत्र की दिग्गज कंपनी डीएलएफ को 58 करोड़ रुपये में बेच दी।

यह भूमि सौदा अक्टूबर 2012 में विवादों में घिर गया जब भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी और तत्कालीन भूमि चकबंदी और भूमि अभिलेख महानिदेशक-सह-पंजीकरण महानिरीक्षक अशोक खेमका ने इस सौदे को राज्य चकबंदी अधिनियम और कुछ संबंधित प्रक्रियाओं का उल्लंघन बताते हुए दाखिल खारिज रद्द कर दिया।

वाड्रा ने किसी भी कानून या नियम का उल्लंघन करने से इनकार किया है। उनका कहना है कि यह मामला उनके और उनके परिवार (लोकसभा में मौजूदा नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी) के खिलाफ ‘‘राजनीतिक प्रतिशोध’’ से प्रेरित है।

ईडी वाड्रा के खिलाफ दो अन्य मामलों में जांच कर रही है, जिनमें हथियार सलाहकार संजय भंडारी के खिलाफ मामला और दूसरा, राजस्थान के बीकानेर में एक भूमि सौदे से जुड़ा मामला शामिल है।
 

भाषा
नई दिल्ली


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