अब ओमीक्रॉन की दहशत
कोरोना विषाणु के नये स्वरूप ‘ओमीक्रॉन’ का पता चलने से तमाम देशों में डर और आशंका का माहौल बन गया है।
अब ओमीक्रॉन की दहशत |
दक्षिण अफ्रीका में इस नये वेरिएंट के अनेक मामले सामने आने के बाद विश्व के अनेक देशों ने दक्षिण अफ्रीका को अपनी उड़ानें रद्द कर दी हैं। इस बीच, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ओमीक्रॉन को डेल्टा वेरिएंट की भांति ही अत्यंत सक्रामक बता कर विश्व के तमाम देशों की धड़कनें बढ़ा दी हैं। मात्र दो हफ्ते में ही दक्षिण अफ्रीका में नये संक्रमण के मामले चार गुना बढ़ गए हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस स्वरूप को चिंताजनक स्वरूप (वेरिएंट ऑफ कंसर्न) करार दिया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को शीर्ष अधिकारियों के साथ अहम बैठक की। बैठक में पीएम मोदी ने ‘प्रोएक्टिव’ रहने की जरूरत बताई। लोगों से अपील की कि सतर्क रहें और मास्क पहनने, उचित दूरी रखने के साथ ही कोरोना संक्रमण से बचाव के तमाम उपायों का पालन करें। देश में कोविड-19 की मौजूदा स्थिति और जारी टीकाकरण अभियान की भी इस बैठक में समीक्षा की गई। पंद्रह दिसम्बर से विदेशी उड़ानों में छूट देने के फैसले की ताजा स्थिति के मद्देनजर समीक्षा करने का निर्देश भी पीएम मोदी ने अधिकारियों को दिया। साथ ही, जोखिम वाले देशों से आने वाले यात्रियों पर विशेष ध्यान देने को भी कहा। इस बीच, गुजरात और कर्नाटक ने जोखिम वाले देशों से आने वाले यात्रियों के लिए आरटी-पीसीआर जांच जरूरी कर दी है। अन्य राज्य भी जल्द ही ऐसा फैसला कर सकते हैं।
कोरोना के इस चिंताजनक स्वरूप, जिसे बी.1.1.529 कहा जा रहा है, का सबसे पहले प्रसार दक्षिण अफ्रीका में देखने को मिला। चूंकि यह नया स्वरूप है, इसलिए कहा नहीं जा सकता कि टीका लगा चुके लोगों के प्रति इसका व्यवहार कैसा रहेगा। वैसे इस प्रकार के अध्ययन पेचीदा होते हैं, और किसी निष्कर्ष पर पहुंचने में ही महीनों लग जाते हैं। चिंता इसलिए भी है कि कुछ वैज्ञानिकों ने ओमीक्रॉन को प्रतिरक्षा को पूरी तरह से खत्म करने की ताकत रखने वाला बताया है।
एकाएक मामले बढ़ने से कह सकते हैं कि यह बेहद संक्रामक स्वरूप है। दक्षिण अफ्रीका में टीका लगा चुके लोग भी इसकी चपेट में आए हैं, इसलिए तमाम देशों को बेहद सतर्क रहना होगा। भारत में टीकाकरण की स्थिति संतोषजनक होने के बावजूद जरूरी है कि कोरोना अनुकूल व्यवहार करते रहा जाए। लापरवाही भारी पड़ सकती है।
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