भाईचारे की मिसाल
विभिन्न धर्मो में सद्भाव बढ़ाने की अनोखी और स्वागतयोग्य पहल करते हुए गुरुग्राम में गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा ने बड़ा दिल दिखाया है और मुस्लिम समाज को गुरुद्वारा परिसरों में नमाज पढ़ने का निमंत्रण दिया है।
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जिले में खुले में पढ़ी जाने वाली नमाज को लेकर कई हफ्तों से विरोध प्रदर्शन किए जा रहे थे। विरोध बढ़ता देखकर प्रशासन ने खुले में नमाज पढ़े जाने पर रोक लगा दी थी। पहले शहर में लगभग 37 स्थानों पर खुले में नमाज पढ़ी जाती थी। रोक लगने के बाद केवल 20 जगहों पर नमाज हो रही है। गुरुद्वारा श्री सिंह सभा के प्रधान शेरदिल सिंह सिद्धू का कहना है कि अगर मुस्लिम समाज के लोग गुरुद्वारा परिसर में नमाज पढ़ना चाहते हैं तो उनका स्वागत है। कोविड नियमों का पालन करते हुए नमाज अदा की जा सकती है। किसी भी धर्म के लोगों को पूजा पाठ के लिए गुरुद्वारेआने से मना नहीं किया जाता। शहर के पांचों गुरुद्वारे मुस्लिम भाइयों के लिए खुले हैं।
उन्होंने कहा कि शहर में कमला नेहरू पार्क के सामने स्थित गुरुद्वारे के अलावा सेक्टर 39, सेक्टर 46, मॉडल टाउन और जैकमपुरा के गुरुद्वारे में जहां सहूलियत हो, नमाज पढ़ी जा सकती है। सदर जमीयत उलेमा (गुड़गांव) के मुफ्ती मोहम्मद सलीम कासमी ने इस फैसले को भाईचारा बढ़ाने वाला बताया है। गुड़गांव मुस्लिम काउंसिल के संस्थापक अल्ताफ अहमद ने भी सिद्धू की पेशकश का स्वागत किया है। गुड़गांव नागरिक एकता मंच का कहना है कि खुले में नमाज पढ़ने से मना करने वालों के लिए यह बड़ा संदेश है। इस आमंतण्रका वह सम्मान करते हैं। इससे समाज में भाईचारा बढ़ेगा। मंच ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से मांग की है कि नमाज पढ़ने के लिए मस्जिदों की जगह का शीघ्र आवंटन किया जाए।
बीते शुक्रवार को सेक्टर 12 में रहने वाले राव अक्षय ने भी समाज के सामने शानदार उदाहरण रखते हुए कुछ लोगों को अपनी दुकान में नमाज पढ़ने के लिए स्थान दिया था। उन्होंने यहां तक कहा कि मुस्लिम भाई शुक्रवार को नमाज के लिए उनके सर्विस स्टेशन की जगह का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। ऐसे वक्त में जब पाकिस्तान के साथ करतारपुर साहिब गलियारे से होकर सिख श्रद्धालुओं का करतारपुर साहिब और डेरा बाबा नानक के दर्शनों का सिलसिला चल निकला है, तो गुरुग्राम के गुरुद्वारों की मुस्लिमों को की गई पेशकश का भी जमकर स्वागत किया जाना चाहिए।
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