झूम उठा बाजार
साल 2021 की शुरुआत से ही मुंबई शेयर बाजार का सूचकांक सेनसेक्स नई-नई ऊंचाईयां तय कर रहा है।
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5 जनवरी 2020 को कारोबार बंद होने के वक्त सेंसेक्स 48437.78 बिंदु पर बंद हुआ। एक साल का हिसाब लगाएं तो सेंसेक्स करीब 17 प्रतिशत ऊपर जा चुका है। एक साल में 17 प्रतिशत का रिटर्न वह भी कोरोनाग्रस्त अर्थव्यवस्था में, यह आश्चर्यजनक किंतु सत्य कोटि का ही तथ्य है। एक तथ्य और यह है कि गत तीन महीनों में सेंसेक्स ने 24 प्रतिशत से ज्यादा की बढ़त हासिल की है। क्या वजह है कि सेंसेक्स लगातार ऊपर जा रहा है। इसकी कुछ ठोस वजहें हैं। सबसे बड़ी वजह यह है कि कारोबारियों में एक आस्ति का भाव है कि कोरोना की वैक्सीन आने के बाद देर-सबेर इस साल कोरोना की हालत संभल जाएगी। दिल्ली में ही नये मामलों की रफ्तार गिर रही है। पांच सौ से भी कम मामले रोज आये हैं बीते कुछ दिनों में।
यानी कोरोना ने आर्थिक महामारी के तौर पर डराना बंद कर दिया है। महामारी का असर जो होता है, वह तो होता ही है, पर महामारी के डर का असर अलग किस्म का होता है। वही तमाम आर्थिक गतिविधियों में देखने में आया। पर हालात अब बदलते से दिख रहे हैं। जीएसटी संग्रह में सकारात्मक प्रवृत्ति देखी जा रही है। बजट से तमाम उम्मीदें लगाई जा रही हैं। कुल मिलाकर कोरोना का खौफ कम हुआ है। खौफ से मुक्त लोग खरीदारी कर रहे हैं, खरीदारी यानी मुनाफे कारोबारियों के लिए। कुल मिलाकर अर्थव्यवस्था में आशा का माहौल है। शेयर बाजार आशंकाओं में गिर जाता है और आशाओं में उठ जाता है। शेयर बाजार हमेशा तर्क पर नहीं चलता। इसलिए विशेषज्ञ लगातार चेताते रहते हैं कि छोटे निवेशक इसमें बहुत सोच समझकर ही हाथ डालें।
जब शेयर बाजार लगातार ऊपर की ओर जाता दिखता है, तो कई आम निवेशक ज्ञान के आधार पर नहीं, उम्मीदों के आधार पर निवेश करने लगते हैं। शेयर बाजार ने ठेका नहीं नहीं लिया हुआ किसी की उम्मीदों पर खरा उतरने का, सो शेयर बाजार कई बार डूब जाता है। मार्च 2020 में शेयर बाजार डूबा था कोरोना की आशंकों के चलते। यानी शेयर बाजार हमेशा तर्क से नहीं चलता, इसलिए इसका डूबना और उबरना दोनों ही उन वजहों से हो सकता है, जो आम निवेशक को समझ ना आए। इसलिए आम निवेशक को धुआंधार तेजी से बढ़ते शेयर बाजार में अतिशय सावधानी बरतनी चाहिए।
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