लखवी पर पाकिस्तानी पैंतरा

Last Updated 04 Jan 2021 02:25:07 AM IST

पाकिस्तान ने एक बार फिर वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) से बचने का दिखावा किया है।


लखवी पर पाकिस्तानी पैंतरा

मुंबई हमले के गुनहगार और प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का कमांडर जकी-उर-रहमान लखवी को पाकिस्तान में शनिवार को गिरफ्तार कर लिया गया। लखवी को पंजाब प्रांत के आतंकरोधी विभाग (सीटीडी) ने अपने शिकंजे में लिया।  इस बार उस पर अपने दवा के व्यापार से जुटाए गए पैसों को आतंकी गतिविधियों में लगाने के आरोप में पकड़ा गया है।

लखवी को 2008 में संयुक्त राष्ट्र ने वैश्विक आतंकवादी घोषित किया था। दरअसल, एफएटीएफ द्वारा काली सूची या ब्लैकलिस्ट किए जाने से बचने के लिए पाकिस्तान समय-समय पर ऐसी पैंतरेबाजी करता रहता है। आतंक के खिलाफ कार्रवाई के नाम पर वह आतंकवादियों की गिरफ्तारी का दिखावा करता है। गौरतलब है कि एफएटीएफ ने जून 2018 में पाकिस्तान को ग्रे सूची में शामिल किया था। मुंबई आतंकी हमले के मामले में गिरफ्तारी के आरोप में छह साल जेल में रहने के बाद लखवी 2015 में जमानत पर बाहर घूम रहा था। हालांकि उसकी इस गिरफ्तारी का मुंबई हमले के मामले से कोई संबंध नहीं है। यानी सबकुछ बस दिखावे के लिए किया जाता है।

इस बार भी पाकिस्तान ने ऐसा ही किया। जेल में भी गिरफ्तार आतंकवादियों को हर तरह की सुख-सुविधाएं मिलती है। ग्रे सूची से निकलने के लिए पाकिस्तान इससे पहले मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद को आतंकी फंडिंग के मामलों में सजा देने का पहले भी नाटक कर चुका है। भारत के बार-बार इन आतंकवादियों के खिलाफ निष्पक्ष जांच करने और वैश्विक मंच पर सुनवाई करने की मांग की जाती रही है, मगर पाकिस्तान हर बार भारत की मांगों को अनसुना कर देता है।

हालांकि केंद्र में भाजपा के नेतृत्व में नरेन्द्र मोदी की सरकार बनने के बाद पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ा है। उस पर आतंकी वारदातों को लेकर पूरी दुनिया में माहौल बनाया गया है। यही वजह है कि उसने दिखावे के लिए ही सही मगर दुर्दात वारदातों को अंजाम देने वालों को दबोचा है और न्याय के दायरे में लाने की कोशिश की है। देखना है कि आने वाले दिनों में पाकिस्तान की रणनीति क्या होगी और क्या वह वाकई ईमानदारी के साथ निदरेष लोगों का खून बहाने वालों को सख्त सजा देगा।



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