केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने सोमवार को किसानों से उर्वरकों और कीटनाशकों का इस्तेमाल कम करने और जैविक खेती अपनाने का आग्रह करते हुए कहा कि सरकार पर्यावरण-अनुकूल खेती अपनाने वाले किसानों को अधिक लाभ सुनिश्चित करने की व्यवस्था कर रही है।

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गृह मंत्रालय का भी दायित्व संभालने वाले शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किसानों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरणों और वस्तुओं पर जीएसटी कम करके उन्हें नवरात्रि और दिवाली का बड़ा तोहफा दिया है।
जीएसटी में अब पांच प्रतिशत और 18 प्रतिशत की दो व्यापक दरें रखी गई हैं। नई व्यवस्था सोमवार से लागू हो गई जो नवरात्रि का पहला दिन है।
गुजरात के राजकोट ज़िले के सात सहकारी संगठनों की वार्षिक आम बैठक में भाग लेने के बाद शाह ने यहां कृषि विशेषज्ञों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘मैं सौराष्ट्र के सभी किसानों से कीटनाशकों और उर्वरकों का उपयोग कम करने और जैविक खेती का रुख करने की अपील करता हूं। भारत जैविक उत्पादों के वैश्विक बाजार का एक बड़ा हिस्सा यहां के किसानों के लिए लाने जा रहा है।’’
उन्होंने कहा कि भारत सरकार यह सुनिश्चित करने की व्यवस्था कर रही है कि जैविक खेती करने वाले किसानों को अधिक लाभ मिले।
जैविक खेती में उर्वरकों, कीटनाशकों जैसे कृत्रिम रूप से उत्पादित कृषि-सामग्री के उपयोग से परहेज किया जाता है। इसकी जगह पर्यावरण और पारिस्थितिकी को संरक्षित करते हुए उत्पादन बढ़ाने के लिए जैविक अपशिष्ट और लाभकारी सूक्ष्मजीवों जैसे प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग किया जाता है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सहकारिता को बढ़ावा देने के लिए कई पहलें शुरू की गई हैं।
उन्होंने कहा कि ‘भारत ऑर्गेनिक्स’ (नेशनल कोऑपरेटिव ऑर्गेनिक्स लिमिटेड का एक उत्पाद ब्रांड) की स्थापना यह सुनिश्चित करने के लिए की गई है कि किसानों को ऐसी वस्तुओं की बिक्री से लाभ हो।
शाह ने कहा, ‘‘किसानों से जैविक उत्पाद खरीदने और उन्हें बेचने के लिए एक सहकारी समिति की स्थापना की गई है ताकि उन्हें पूरा लाभ मिल सके। एक नई निर्यात और बीज सहकारी समिति की भी स्थापना की गई है।’’
शाह ने बताया कि सहकारिता क्षेत्र के सभी विषयों में शिक्षा प्रदान करने के लिए गुजरात के आणंद में त्रिभुवनदास पटेल सहकारिता विश्वविद्यालय की स्थापना भी की गई है।
शाह ने बताया कि सहकारिता मंत्रालय ने पिछले तीन वर्षों में 60 पहल की हैं, जिनमें प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पैक्स) को मजबूत करने की योजनाएं, उनका कम्प्यूटरीकरण और सहकारी मंडलियों (संघों) के लिए गोदाम स्थापित करने हेतु विभिन्न नए कदम शामिल हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘इन पहलों का परिणाम यह हुआ है कि चार दशकों से पतन की तरफ अग्रसर सहकारिता संरचना तीन साल की अवधि के पहले वर्ष में ही स्थिर हो गई और अगले दो वर्षों में 12 प्रतिशत तक मजबूत हुई है।’’
शाह ने कहा कि देशभर में नई सहकारी समितियां, दुग्ध संघ और दूध प्रसंस्करण से लाभ कमाने वाली समितियां उभरी हैं तथा किसानों को अच्छा लाभ सुनिश्चित करने के लिए गुजरात में एक कम्प्यूटरीकृत प्रणाली लागू की गई है।
उन्होंने कहा कि ‘सहकारी समितियों के बीच सहयोग’ पहल के तहत, गुजरात के बनासकांठा और पंचमहल जिलों में शुरू की गई एक प्रायोगिक परियोजना को पूरे राज्य में अपनाया जा रहा है।
इससे पहले, केंद्रीय मंत्री ने सूरत जिले के कोसमाडा में 101 करोड़ रुपये की लागत से 3.51 लाख वर्ग फुट क्षेत्र में बनने वाले इस्कॉन वराछा मंदिर की आधारशिला रखी।
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