घट रहा कहर
देश के लिए अच्छी खबरें हैं। एक तरफ कोरोना मरीजों के ठीक होने की दर 95.21 फीसद हो गई है और नये मामले लगातार कम आ रहे हैं वहीं जरूरतमंत लोगों को कोरोना का वैक्सीन देने की तैयारी करीब-करीब पूरी होने को है।
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देश के 633 जिलों में टास्कफोर्स का गठन किया गया है। इस काम से जुड़ने वाले स्टाफ को ट्रेनिंग दी जा रही है। साथ ही टीका लगाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार के 23 मंत्रालय और विभाग मिलकर काम करेंगे।
सरकार की योजना है कि सबसे पहले सीमा पर तैनात सैनिकों को कोरोना का टीका लगाया जाए। खास बात यह है कि सरकार की प्राथमिकता में सबसे पहले वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) और पाकिस्तान सीमा पर ऊंचाई वाले इलाकों में तैनात सैनिकों को कोरोना का टीका लगाया जाएगा। सभी काम सही तरीके से अंजाम दिए जाएं इसके लिए देशभर में 29 हजार कोल्ड चेन प्वाइंट्स बनाए गए हैं। यानी सरकार अपने स्तर पर देश के हरेक कोने में टीका सतर्कता के साथ पहुंचाने और उसे प्राथमिकता के आधार पर लगाने की तैयारी कर चुकी है।
दूसरी तरफ देश में कम हो रहे संक्रमण से हर किसी के लिए सुकून वाली बात है। संक्रमण की दर की अगर दूसरे देश से तुलना करें तो जहां भारत में यह दर 12 फीसद के आसपास है वहीं अमेरिका में एक महीने में यह दर 48 फीसद और यूरोप में 46 फीसद बढ़ी है। इसके बावजूद हमें किसी भी तरह से लापरवाही नहीं बरतनी होगी। जो दिशा-निर्देश सरकार की तरफ से शुरुआती वक्त में दिए गए हैं, उसका पालन पूरी ईमानदारी और अनुशासन के साथ करना होगा। मास्क पहनने की आदत, दो गज की दूरी और हाथ हमेशा साबुन से धोने की प्रक्रिया का पालन करने से इस महामारी को मात दी जा सकती है।
इन सबके बीच खुशखबरी है कि स्वदेशी कोवैक्सीन टीका पहले चरण में कामयाब रही है। हालांकि इस मसले पर अभी अंतिम स्तर पर परीक्षण होना बाकी है। हां, हर किसी को इस बात का विशेष ध्यान रखना होगा कि संक्रमण दर होने के बावजूद जांच का आंकड़ा कम नहीं चाहिए। क्योंकि देश अभी तक जांच क्षमता का आधा इस्तेमाल ही कर पा रहा है। इसलिए इस मुद्दे पर थोड़ी सी भी हीलाहवाली काम को जटिल ही बनाएगी। जहां कुछ देश वैक्सीन लगाने की तैयारी कर रहे हैं तो वहीं कुछ मुल्क में टीकाकरण शुरू भी हो चुका है। कह सकते हैं कि अब जल्द ही देश से कोरोना का आतंक खत्म होगा।
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