जीएसटी के आईने में

Last Updated 03 Nov 2020 04:09:19 AM IST

अक्टूबर 2020 के जीएसटी संग्रह के आंकड़े बहुत सकारात्मक हैं। जीएसटी यानी माल और सेवाकर संग्रह अक्टूबर 2020 में 1,05,155 करोड़ रु पये का रहा।


जीएसटी के आईने में

वित्तीय वर्ष 2020-21 में जीएसटी का यह संग्रह उच्चतम स्तर पर है। कोरोना मुक्त अक्टूबर 2019 में यानी एक साल पहले जीएसटी संग्रह 95,379 करोड़ रु पये का रहा था। उसके मुकाबले अक्टूबर 2020 में करीब दस प्रतिशत ज्यादा रहा जीएसटी संग्रह। कर संग्रह के आंकड़े ठोस होते हैं, कयास आधारित नहीं होते हैं।

यह वह रकम है, जो आ चुकी है। यानी कुल मिलाकर मोटे तौर पर यह माना जा सकता है कि स्थितियां कुछ महीनों पहले की स्थिति के मुकाबले बेहतर हो रही हैं। अप्रैल 2020 में जीएसटी संग्रह सिर्फ  32,172 करोड़ रु पये का रहा था। कोरोना-लॉकडाउन की मारी अर्थव्यवस्था में जीएसटी संग्रह पर भारी चोट हुई। जीएसटी संग्रह में कमी आने के बाद केंद्र और तमाम राज्य सरकारों में विवाद भी शुरू हुआ। केंद्र सरकार और कई राज्य सरकारों में यह विवाद जीएसटी से जुड़े मुआवजे को लेकर था। जीएसटी संग्रह बेहतरीन रहेगा तो वितरण के लिए संसाधन अधिक होंगे।

वितरण के लिए संसाधन अधिक होंगे, केंद्र और राज्य सरकारों के बीच सौहार्द कायम रहेगा। कुल मिलाकर जीएसटी को लेकर तमाम विवाद हाल के महीनों में जीएसटी संग्रह की दुर्दशा से जुड़े हैं। अप्रैल से लेकर अगस्त 2020 तक जीएसटी  संग्रह की राशि पिछले साल की समान अवधि की तुलना में कम ही थी। सितम्बर 2020 का जीएसटी आंकड़ा 95,480 करोड़ रु पये का रहा। यह सितम्बर 2019 के आंकड़े के मुकाबले 4 प्रतिशत ज्यादा था। उम्मीद की किरणों में चमक अक्टूबर 2020 के आंकड़ों से बढ़ी है।

पर यहां कुछ तथ्य और प्रवृत्तियों को समझने की जरूरत है। अक्टूबर 2020 में तमाम तरह की खरीद का रिश्ता त्योहारी खरीद से भी रहा है। त्योहार के वक्त खरीद ज्यादा होती है, पर क्या उस खरीद को स्थितियों का सुधरने का पक्का संकेत माना जा सकता है। निश्चय ही त्योहारी खरीद आम खरीद से अलग होती है। लोग नये वाहनों की खरीद कर रहे हैं, सार्वजनिक वाहनों से चलना सुरक्षित नहीं समझ रहे हैं, तो कुल मिलाकर कई वजहों से कई क्षेत्रों में तेजी है। क्या यह तेजी कायम रहेगी-जीएसटी के आंकड़े इस सवाल का सकारात्मक जवाब ही देते हैं।



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