राहत भरी खबर
वैश्विक महामारी कोविड-19 ने वाकई दुनियाभर में तबाही मचाई है। करीब 8-9 महीने से भारत में इस महामारी ने हर क्षेत्र की कमरतोड़ कर रख दी है, मगर एक खुशखबरी भी है।
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दवा बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक कोरोना के लिए अपनी वैक्सीन (टीके) को अगले साल दूसरी तिमाही में पेश करने की योजना बना रही है। भारतीय नियामकों से अपेक्षित मंजूरी मिल जाने की स्थिति में कंपनी की यह योजना है। अभी तक जो बयान कंपनी की तरफ से आए हैं, उसके मुताबिक कंपनी फिलहाल देश के विभिन्न स्थानों पर तीसरे चरण के परीक्षण पर ध्यान दे रही है। निश्चित तौर पर देश और दुनिया के लिए यह बेहद सकारात्मक और राहत देने वाली जानकारी है। वैसे तो विश्व के कई मुल्क मसलन, रूस, अमेरिका, ब्रिटेन आदि देश वैक्सीन बनाने को लेकर या तो अंतिम चरण में हैं या करीब-करीब इन देशों ने काम भी पूरा कर लिया है। चूंकि भारत भी काफी पहले से इस महामारी को लेकर अपनी तैयारियों में शिद् दत से जुटा था और उसे कई संस्थानों का सहयोग भी मिला। फिलवक्त जिस टीके की बात हो रही है उसे इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) के सहयोग से विकसित किया गया है। अगर परीक्षण के अंतिम चरण में मजबूत प्रायोगिक साक्ष्य और डेटा, प्रभावकारिता तथा सुरक्षा डेटा स्थापित करने के बाद सभी अनुमोदन प्राप्त करते हैं, तो 2021 की दूसरी तिमाही यानी फरवरी-मार्च में कोरोना का टीका आ सकता है।
अच्छी बात यह है कि पहले चरण का परीक्षण कारगर रहा है और दूसरे चरण के परीक्षण को भी संभवत: मंजूरी मिल चुकी है; तभी तीसरे चरण में जाने की इजाजत नियामक प्राधिकरण दे चुकी है। यानी वह पूर्व के सभी टेस्ट से संतुष्ट हैं। यहां इस तथ्य पर भी गौर करने की जरूरत है कि रूस में जिस टीके को बनाने का दावा किया गया था, उसमें सिर्फ 14 परीक्षण नमूनों (सैंपल साइज) को लिया गया था। इसके मुकाबले हमारे पहले चरण में करीब 400 और दूसरे चरण में इससे ज्यादा नमूने थे। इन सबके बावजूद अभी भी सभी को सचेत रहने की जरूरत है। अधिकांश लोग सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पहनने के अनिवार्य नियमों की अवहेलना करते दिखते हैं, जबकि इन निदेशरे का पालन करना नितांत आवश्यक है। टीका जब आएगा तब देखा जाएगा, किंतु हमें किसी भी पल लापरवाही नहीं करने का प्रणलेना होगा। जब तक हम अनुशासित नहीं होंगे, खतरा बरकरार रहेगा।
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