आर्थिक परिदृश्य प्रतिकूल

Last Updated 17 Sep 2020 02:55:17 AM IST

चालू वित्त वर्ष 2020-21 में भारतीय अर्थव्यवस्था में 9 प्रतिशत की गिरावट आने का अनुमान है।


आर्थिक परिदृश्य प्रतिकूल

एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने एशियाई विकास परिदृश्य (एडीओ)-2020 संबंधी अपडेट में कहा है कि कोविड-19 महामारी लंबे तक कायम रहती है, या संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी जारी रही तो भारत का वृद्धि परिदृश्य और भी ज्यादा प्रभावित हो सकता है। दरअसल, भारत ने कोरोना संक्रमित मामले प्रकाश में आते ही सख्त लॉकडाउन लागू कर दिया था। इससे न केवल आर्थिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हुई, बल्कि उपभोक्ता धारणा पर भी प्रतिकूल असर पड़ा। निजी निवेश पूरी तरह थम गया। निर्यात खास तौर पर प्रभावित हुआ।

एडीबी के परिदृश्य अपडेट में कहा गया है कि इस साल यानी 2020 में एशिया की क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था में 0.7 प्रतिशत की गिरावट आएगी। अपडेट के मुताबिक गनीमत की बात यह है कि एशिया उत्पादक केंद्र के रूप में अपनी पहचान की वजह से महामारी के झटके को सह सका है। एशिया को चिकित्सा उपकरणों, डिजिटल उपकरणों और ऑप्टिकल उपकरणों का प्रमुख केंद्र माना जाता है। इतने  सब के बावजूद कोविड-19 ने क्षेत्र के देशों को करारा झटका दिया है जिससे उबरने में उन्हें काफी समय लगेगा। 1960 के दशक की शुरआत के बाद पहली दफा है कि क्षेत्र में महमारी ने कहर ढा दिया है। चार दशकों बाद पहली बार इतनी ज्यादा  गिरावट की आशंका है। भारत के लिए तो खास तौर पर यह झटका भारी है। करोड़ों नौकरियां खत्म हो गई हैं।

वेतन-भत्तों में कटौती हुई हैं। अपने लोगों को गरीबी के दल दल से निकालने के उसके प्रयास शिथिल पड़ गए हैं। अलबत्ता, भारत के लिए गनीमत की बात यह है कि अपडेट के मुताबिक अगले वित्त वर्ष 2021-22 में इसकी अर्थव्यवस्था में उछाल आएगा। आवाजाही तथा कारोबारी गतिविधियां खुलने से आर्थिक वृद्धि दर आठ प्रतिशत तक पहुंच सकती है। लेकिन उसके लिए जरूरी है महामारी पर अंकुश के जोरदार उपाय जारी रहें। जांच, निगरानी और उपचार की क्षमता में सतत सुधार लाए जाएं। कहना यह कि महामारी से छुटकारे के उपायों को प्रभावी तरीके से कार्यान्वित करने की जरूरत होगी। तभी अर्थव्यवस्था में चार दशकों में पहली बार आए आर्थिक संकुचन से उभरा जा सकेगा।



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