उप्र का उम्दा प्रदर्शन
राज्यों और संघ शासित प्रदेशों की कारोबार सुगमता रैंकिंग में उत्तर प्रदेश ने 10 पायदान की ऊंची छलांग लगाकर दूसरा स्थान प्राप्त किया है।
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इसका अर्थ यह हुआ कि प्रदेश में कारोबार का माहौल अच्छा और अनुकूल है। कारोबार के क्षेत्र में इस उपलिब्ध को बहुत महत्त्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि इससे प्रदेश में निवेश के अवसर बढ़ेंगे और साथ ही स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिलेगा। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने यह रैंकिंग जारी की है। इस रैंकिंग का महत्त्व इसलिए भी है कि पारंपरिक रूप से उत्तर प्रदेश की छवि बहुत अधिक नकारात्मक थी। राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद के चलते लंबे अरसे से प्रदेश में सांप्रदायिक तनाव का माहौल बना हुआ था।
संगठित अपराध और जातिवादी राजनीति का केंद्र रहे उत्तर प्रदेश में निवेशक आने से घबराते थे। प्रदेश का वातावरण व्यापार और कारोबार के सर्वथा प्रतिकूल था, लेकिन पिछले एक-दो वर्षो के दौरान प्रदेश के प्रशासनिक ढांचे में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। निश्चित रूप से इसका श्रेय मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी को दिया जाना चाहिए। कारोबार की सुगमता के लिए नौकरशाही को आम जनता के प्रति जवाबदेह बनाया गया है। कानून और व्यवस्था को सुदृढ़ किया जा रहा है।
अपराधियों के विरुद्ध कड़ी कानूनी कार्रवाई की जा रही है। प्रदेश में कारोबार के अनुकूल माहौल कैसे बनाया जाए, इसके लिए श्रम कानूनों सहित व्यापार से जुड़े अन्य कानूनों को उदार बनाया जा रहा है। कारोबार करने के लिए तुरंत लाइसेंस दिया जा रहा है। प्रशासन की ओर से यह भी कहा जा रहा है कि आप कारोबार शुरू कीजिए, लाइसेंस मिल जाएगा। उत्पाद नीति के तहत ‘एक जिला एक उत्पाद’ जैसी महत्त्वाकांक्षी योजना पर काम चल रहा है। इस नीति के तहत प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर हर जिले की पहचान उसके उत्पाद से करने की कोशिश की जा रही है।
मसलन, अगर बनारस की पहचान बनारसी साड़ी और आगरा की पहचान पेठा से होती है तो इसी तरह इस बात की तलाश हो रही है कि हर जिले की पहचान किसी-न-किसी उत्पाद से हो। कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के दौर में उत्तर प्रदेश ने कारोबार सुगमता के क्षेत्र में जो उपलिब्ध अर्जित की है; वह सराहनीय है, लेकिन कोरोबार के अनुकूल माहौल बनाने का जो प्रयास चल रहा है, यह निरंतर जारी रहनी चाहिए।
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