ट्रंप का संबोधन
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का अहमदाबाद के मोटेरा स्टेडियम के ‘नमस्ते कार्यक्रम’ में दिया गया भाषण ऐतिहासिक था और शायद भारतीयों को भी अपेक्षा नहीं रही होगी कि वह कुछ महत्त्वपूर्ण मुद्दों पर बेबाकी से विचार प्रकट करेंगे।
ट्रंप का संबोधन |
उन्होंने स्टेडियम में मौजूद एक लाख से अधिक लोगों को संबोधित करते हुए भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते मैत्रीपूर्ण संबंधों का उल्लेख करने के साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत की हो रही प्रगति की जमकर प्रशंसा की।
राष्ट्रपति ट्रंप के सत्ताइस मिनट के संबोधन का सबसे महत्त्वपूर्ण पक्ष यह था कि उन्होंने भारत के परिप्रेक्ष्य में भारत की चिंताओं को संबोधित किया। भारत पिछले तीन दशक से जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद से जूझ रहा है। इस संदर्भ में ट्रंप का दो टूक यह कहना काफी महत्त्वपूर्ण है कि वे इस्लामी आतंकवाद को पनपने नहीं देंगे और इसके विरुद्ध लड़ाई में भारत का सहयोग करेंगे। राष्ट्रपति ट्रंप ने यह भी कहा कि हर देश को अपनी संप्रभुता और सीमा की रक्षा करने का अधिकार है। इस तरह उन्होंने परोक्ष रूप से जम्मू-कश्मीर से संविधान के अनुच्छेद 370 समाप्त करके सूबे का पुनर्गठन किए जाने की मोदी सरकार की कार्रवाई का समर्थन किया है। हालांकि उन्होंने जम्मू-कश्मीर का नाम नहीं लिया।
लेकिन ट्रंप ने पाकिस्तान को अमेरिका का अच्छा दोस्त बताकर भारत को मायूस किया क्योंकि नई दिल्ली को अपेक्षा थी कि सीमा पार आतंकवाद को रोकने के लिए वह इस्लामाबाद को कड़ी चेतावनी देंगे। दरअसल, अमेरिका अफगानिस्तान से अपनी सेनाएं पूरी तरह हटाने के लिए पाकिस्तान पर अपनी निर्भरता के तथ्य को नकार नहीं सकता। अमेरिका और तालिबान के बीच किसी समझौते के बाद पाकिस्तान की अनुकूल भूमिका बहुत आवश्यक है। इसी वजह से ट्रंप ने अपने संबोधन में कहा कि मेरी सरकार आतंकवादी समूहों से निपटने के लिए पाकिस्तान के साथ काम कर रही है।
लेकिन दूसरी ओर उन्होंने भारत और अमेरिका की मित्रता को स्वाभाविक और स्थायी बताकर संतुलन बनाने की भी कोशिश की। मोदी को अद्भुत नेता और भारत के लिए दिन-रात काम करने वाला बताया। जाहिर है कि ट्रंप के दौरे ने मोदी के कद को और बढ़ा दिया है। उनकी लोकप्रियता के साथ-साथ उनके समर्थकों की संख्या में भी इजाफा होगा। इससे संकेत मिलता है कि मोदी अपने किसी भी कदम से पीछ नहीं हटेंगे और देश के भीतर-बाहर भारत से संबंधित जो भी परिस्थितियां पैदा होती हैं, उनसे दृढ़ता से निपटने की कोशिश करेंगे।
Tweet |