भारत पांचवीं अर्थव्यवस्था

Last Updated 20 Feb 2020 07:05:46 AM IST

अर्थव्यवस्था की सुस्ती के बीच यह समाचार हर भारतीय को उत्साहित करने वाली है कि भारत फिर से विश्व की पांचवीं अर्थव्यवस्था का स्थान हासिल कर चुका है।




भारत पांचवीं अर्थव्यवस्था

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश को 50 खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का जो लक्ष्य रखा है उस दृष्टि से इस समाचार का विशेष महत्त्व है। यह भारत सरकार की रिपोर्ट नहीं है कि इसे सहसा गलत कहकर विपक्ष खारिज कर दे।

अमेरिकी की संस्था वर्ल्ड पोपुलेशन रिव्यू ने अपनी रिपोर्ट में विस्तार से इस बात को साबित किया है कि भारत किस तरह ब्रिटेन एवं फ्रांस की अर्थव्यवस्था को पीछे धकेलते हुए यह स्थान प्राप्त किया है। रिपोर्ट का साफ कहना है कि भारत का सकल घरेलू उत्पाद 29 खरब 40 अरब डॉलर को हो गया है। अगर आप प्रमुख दस देशों की अर्थव्यवस्था की सूची देखें तो ब्रिटेन की 28 खरब 30 अरब डॉलर तथा फ्रांस की 27 खरब 10 अरब डॉलर है। इस तरह भारत की कुल अर्थव्यवस्था ब्रिटेन से एक खरब एवं फ्रांस से दो खरब डॉलर अधिक है। इस तरह अब भारत से ऊपर जर्मनी, जापान, चीन और अमेरिका है।

चीन तथा अमेरिका की अर्थव्यवस्था का आकार इतना बड़ा है कि वहां तक पहुंचने की अभी कल्पना नहीं की जा सकती, पर अगर भारत की अर्थव्यव्यवस्था ने रफ्तार पकड़ लिया तो यह जर्मनी को जरूर कुछ समय में पीछे छोड़ सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत आत्मनिर्भर बनने की अपनी पहले की नीति से अब आगे बढ़ गया है और खुले बाजार वाली अर्थव्यवस्था के रूप में तेजी से सामने आया है। इसमें भारत की उन विशेषताओं और कदमों का विवरण दिया गया है जो कि वर्तमान खुली अर्थव्यवस्था के दौर में किसी देश को विकास की ऊंचाई पर ले जाने के लिए आवश्यक है। राजनीतिक रूप से देखें तो मोदी सरकार एवं भाजपा को अर्थव्यवस्था का सत्यानाश करने के विपक्ष के आरोपों का जवाब देने का ठोस आधार मिल गया है।

हालांकि इस बात से इनकार करना कठिन है कि अर्थव्यवस्था अभी सुस्ती के दौर से गुजर रही है। सरकार ने इससे निकलने के लिए बजट पूर्व जितने कदम उठाए तथा बजट में जो घोषणाएं कीं हैं उनका परिणाम आने में समय लगेगा। हमें उम्मीद करनी चाहिए कि अर्थव्यवस्था से सुस्ती के बादल छटेंगे एवं हम अगले चार वर्षो में 50 खरब की आर्थिक शक्ति बनने के लक्ष्य पा सकेंगे।



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