पार्टियां सीख लें

Last Updated 06 Feb 2020 03:12:12 AM IST

हमारी राजनीति ने अपनी भूलों से सीख न लेने की मानो कसम खा ली हो। शाहीन बाग में गोली चलाने वाले कपिल बैंसला की तस्वीर आम आदमी पार्टी के नेताओं के साथ आई नहीं कि भाजपा का हमला आरंभ हो गया।


पार्टियां सीख लें

कपिल और उसके पिता, दोनों एक वर्ष पहले आम आदमी पार्टी में शामिल हुए थे। कपिल बैंसला के साथ तस्वीर में सांसद संजय सिंह, आतीशी मार्लिना और ओखला से विधायक अमानतुल्ला खान भी हैं।

दो दिनों पहले तक आप और कांग्रेस, भाजपा को कठघरे में खड़ा कर रही थीं। कपिल ने आकाश में गोली चलाते समय हिंदुत्व के पक्ष में नारे लगाए थे। उसके आधार पर यह कहा जाने लगा कि यह भाजपा-आरएसएस द्वारा रैडिकलाइज्ड किया गया नवजवान है। इसी तरह जामिया में गोली चलाने वाले नाबालिग गोपाल को भी इन्हीं संगठनों से जुड़ा बताकर भाजपा के खिलाफ निंदा अभियान चल रहा था।

बिना प्रमाण के उसे बजरंग दल का सदस्य भी बता दिया गया। अब वही आप कह रही है कि किसी की तस्वीर साथ होने का मतलब यह नहीं कि हम अपराधी हैं। संजय सिंह उस पुलिस अधिकारी पर ही बरस रहे हैं, जिसने यह जानकारी दी कि उसकी व्हाट्सएप तस्वीरों एवं पूछताछ से पता चला है कि वह आप का सदस्य है। वास्तव में ऐसी घटनाएं हमारे राजनीतिक दलों के लिए सबक होनी चाहिए।

सच तो यही है कि अगर गोली चलाने वाले भाजपा या संघ परिवार के जुड़े संगठनों से संबंध रख रहे होते तब भी इसके लिए संगठन को दोषी नहीं माना जा सकता जब तक यह साबित न हो जाए कि संगठन के स्तर पर गोली चलाने का निर्णय लिया गया। इसी तरह आज आप को सीधे दोषी मानना भी उचित नहीं। अगर आप के नेता ने उसे गोली चलाने को कहा होता तब उसे दोषी माना जाता। किंतु अगर आप ऐसी घटना होते ही सीधे संघ भाजपा पर हमला करेंगे तो आपको भी ऐसे हमलों के लिए तैयार रहना होगा।

वह आप का सदस्य है, और आपके साथ मंच पर है, तो आपके लिए दूसरा राजनीतिक नियम नहीं हो सकता। अगर आप भाजपा से जवाब मांग रहे थे तो अब आपको भी समाधानपरक जवाब देना होगा। हमारा मानना है कि राजनीतिक दलों को भारतीय लोकतंत्र में अपनी महत्त्वपूर्ण जिम्मेवारी को समझना होगा। कोई सिरफिरा एक नारा लगाते हुए या सोशल मीडिया पर किसी विचार का कोई पोस्ट लिखकर ऐसा कर दे तो उसके लिए पूरे संगठन-परिवार पर हमला अभियान हमें कहीं का नहीं छोड़ेगा।



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