पाक की चाल
करतारपुर गलियारा खोले जाने से पहले पाकिस्तान ने जिस तरह का वीडियो जारी किया है, उससे साफ हो जाता है कि सदाशयता की आड़ में उसका मुख्य उद्देश्य क्या है।
पाक की चाल |
उसके साथ एक वीडियो भारत ने भी जारी किया है। पाकिस्तान के वीडिया में जरनैल सिंह भिंडरावाले, शाहबेग सिंह समेत तीन सिख अलगाववादी नेता नजर आ रहे हैं। जैसा हम जानते हैं कि ये सब पंजाब में जारी खालिस्तानी आतंकवाद के प्रमुख चेहरे थे। इन्होंने अमृतसर स्वर्ण मंदिर के पवित्र अकाल तख्त तक पर कब्जा जमा लिया था। जून, 1984 में ऑपरेशन ब्लूस्टार के नाम से सैन्य कार्रवाई हुई जिसमें ये मारे गए थे। इस समय वीडियो में उनकी तस्वीरें डालने का सीधा उद्देश्य सिखों को उकसा कर फिर से अलगावववाद भड़काना है। वीडियो में सिख फॉर जस्टिस का पोस्टर भी पाकिस्तान की कुटिल चाल को साफ कर देता है। यह एक प्रतिबंधित संगठन है, जो पंजाब को भारत से अलग करने के लिए काम करता है तथा अभी सिख जनमत संग्रह 2020 के लिए अभियान चला रहा है। दूसरी ओर, भारत के वीडियो में गुरु नानक देव की महानता की चर्चा के साथ यह बताया गया है कि नया गलियारा किस तरह श्रद्धालुओं के लिए लंबी दूरी को एकदम कम कर देगा।
वीडियो का अंतर बता देता है कि हमारे लिए इसके क्या मायने हैं, और उनके लिए क्या। गुरु नानक देव ने जहां जन्म लिया और जीवन के अंतिम 18 वर्ष बिताकर शरीर त्यागा उसका धार्मिंक महत्त्व एक-एक सिख एवं हिंदू के लिए है। करतारपुर गलियारा भारतीय पंजाब के गुरु दासपुर जिले में स्थित डेरा बाबा नानक साहिब को पाकिस्तानी पंजाब के नारोवाल जिले के करतारपुर साहिब गुरु द्वारे को जोड़ेगा। किंतु पाकिस्तान के रवैये से साफ है कि इसके माध्यम से वह पंजाब में अलगाववादी हिंसा को फिर से सुलगाने की हर संभव कोशिश करेगा। वहां खालिस्तान के पक्ष में प्रचार सामग्रियां बांटी जा सकती हैं, प्रवचन हो सकते हैं तथा युवाओं को प्रभावित करने की कोशिश होगी। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का कहना सही है कि पाकिस्तान गंदी चाल चल रहा है, और हमें सतर्क रहना होगा। साफ है कि अगर श्रद्धालुओं के लिए करतारपुर साहिब पहुंचना सुगम हुआ है, तो चुनौतियां भी बढ़ी हैं। भारत को श्रद्धालुओं को पाकिस्तान की चालों से सतर्क करते रहना होगा और जितना संभव हो सुरक्षा सख्ती भी कायम रखनी होगी।
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