सूपड़ा साफ
दक्षिण अफ्रीकी टीम के खिलाफ जिस दमदारी के साथ भारतीय क्रिकेट टीम ने फतह हासिल की है, वह सालों तक क्रिकेट प्रशंसकों को याद रहेगा।
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तीन टेस्ट मैच की श्रृंखला में दक्षिण अफ्रीका की टीम का क्लीन स्वीप कर विराट कोहली के नेतृत्व वाली भारतीय टीम ने इतिहास रच दिया। इसके साथ ही भारतीय टीम ने 2000 में दक्षिण अफ्रीका के हाथों अपने घर में 2-0 से मिली हार का बदला भी चुकता कर लिया।
रांची में खेले गए अंतिम मैच में भारतीय टीम ने चौथे दिन ही मेहमान टीम के खिलाफ पारी और 202 रनों की जबरदस्त जीत हासिल की। यह पहला मौका है जब भारतीय टीम ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ इतनी बड़ी जीत दर्ज की है। जीत से इतर कई महत्त्वपूर्ण तथ्य हैं, जो भारतीय टीम की ताकत को दिखाते हैं। इसमें पहला स्थान आता है टीम की मानसिक मजबूती का। भारतीय टीम ने जिस मन:स्थिति के साथ प्रोटीज का मुकाबला किया, उससे हर कोई अचंभित है। खासकर मेहमान टीम के लिए भारतीय टीम का वर्तमान फॉर्म चर्चा के केंद्र में है। मेहमान टीम को 3-0 से करारी शिकस्त होने का बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था।
दूसरी अहम बात रोहित शर्मा से ओपनिंग कराना रहा। कहा जा सकता है कि पूरे सीरीज की सबसे महत्त्वपूर्ण और नायाब बात रोहित शर्मा की ओपनिंग बल्लेबाज के तौर पर खुद को साबित करना रहा। अनिश्चितता के बीच उन्होंने जिस समझदारी और चपलता से ओपनर बल्लेबाज के तौर पर अपनी जगह बनाई, उससे उनके मजबूत मनोबल का पता चलता है। सीरीज की खास बात तेज गेंदबाजों का हैरतअंगेज प्रदर्शन भी रहा। तेज गेंदबाजों की तिकड़ी मोहम्मद शमी, इशांत शर्मा और उमेश यादव ने मेहमान टीम के बल्लेबाजों पर कहर बरपाया, वह काफी सुकून देने वाला रहा।
विशेषकर जसप्रीत बुमराह के चोटिल हो जाने से आशंकित टीम मैनेजमेंट की चिंता इन तिकड़ी गेंदबाजों ने काफूर कर दी। नि:संदेह भारतीय टीम जीत की हकदार थी। उसने न केवल बल्लेबाजी वरन गेंदबाजी, क्षेत्ररक्षण आदि सभी क्षेत्रों में उम्दा प्रदर्शन किया। दक्षिण अफ्रीकी टीम का सूपड़ा साफ कर विराट की टीम ने वाकई दिवाली के पहले देश को बड़ा तोहफा दिया है। टीम को जीत के इस जज्बे को बनाए रखना होगा। आगे की चुनौती बांग्लादेश टीम से है। वन डे मैचों में बांग्लादेश टीम का प्रदर्शन चौंकाने वाला रहा है। सो, विराट एंड कंपनी को सतर्क रहना होगा।
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