सिद्धार्थ की खुदकुशी
कड़ी मेहनत और मजबूत इच्छाशक्ति के वी.जी. सिद्धार्थ की खुदकुशी वाकई चौंकाती है। कैफे कॉफी डे (सीसीडी) के संस्थापक सिद्धार्थ का कर्ज न चुका पाने के चलते अपनी जिंदगी खत्म करने का फैसला इस लिहाज से भी परेशान करता है क्योंकि व्यापार में ऐसी बातें बेहद सामान्य हैं।
![]() सिद्धार्थ की खुदकुशी |
कर्मचारियों को संबोधित करते हुए उन्होंने जो कथित चिट्ठी लिखी है, उसमें कई बातों का जिक्र किया गया है। मगर दो-तीन बातों पर गौर करने की जरूरत इसलिए है क्योंकि हालिया समय में नये उद्यम की शुरुआत करने की जो कोशिशें सरकार की तरफ से हुई हैं, उसमें यह प्रकरण एक सीख है।
सिद्धार्थ ने आयकर विभाग और इक्विटी पार्टनर पर दबाव डालने का संगीन आरोप लगाया है। हालांकि सिद्धार्थ पर 2017 में 700 करोड़ की आयकर चोरी की जांच शुरू हुई थी और यह अभी भी जारी है। नि:संदेह सिद्धार्थ बेहद सफल उद्यमी थे और उन्होंने दक्षिण भारत की कॉफी को देश के बाकी शहरों तक पहुंचाया। महज 5 लाख रुपये की शुरुआती पूंजी से अरबों का साम्राज्य खड़ा करने वाले सिद्धार्थ से आखिर चूक कहां हो गई, यह देखने-समझने की जरूरत है।
चूंकि उन्होंने कॉफी चेन चलाने के अलावा, रियल इस्टेट, होटल उद्योग, खनन और धातु उत्पादन, निर्यात सेक्टर, आईटी कंपनी आदि में कारोबार फैला रखा था, सो तनाव और परेशानी की यह एक बड़ी वजह हो सकती है। दूसरी अहम बात देश में व्यापार करने के लिए जटिल नियम-कानून और लालफीताशाही की भी है। इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि भारत में बिजनेस शुरू करना और इसे बढ़ाना कितना दुष्कर है। अफसोस वह भारी कर्ज में डूबते चले गए और कंपनी को इस संकट से उबारने के उनके तमाम प्रयास फलीभूत नहीं हो सके।
उनका सपना सेना में शामिल हो देश की सेवा करना था, मगर असफल रहने पर उन्होंने दूसरे माध्यम से समाज की सेवा की। उन्होंने 43 हजार से ज्यादा लोगों को नौकरियां दीं। स्टार्टअप के हिमायती लोगों को सिद्धार्थ के पूरे कॅरियर से सीखने की जरूरत है। साथ ही, सरकार के विभिन्न महकमों को भी अपने तौर-तरीकों में नरमी लाने की जरूरत है। सिद्धार्थ की कथित चिट्ठी में लिखी बातों पर गौर करें तो उन्होंने अपने कर्मचारियों को मजबूत बने रहने की सीख दी, किंतु परेशानी के दौर में वह खुद कमजोर पड़ गए।
Tweet![]() |