मध्यस्थता पर मचमच
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कश्मीर समस्या में मध्यस्थता करने के बयान ने जिस तरह की खलबली मचाई है वह स्वाभाविक है।
![]() मध्यस्थता पर मचमच |
अगर वे केवल यह कहते कि भारत और पाकिस्तान चाहें तो वे मध्यस्थता कर सकते हैं तो इतना हंगामा नहीं होता। किंतु उन्होंने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान से मुलाकात में उनके द्वारा कश्मीर मुद्दा और भारत के रवैये का प्रश्न उठाते ही कह दिया कि दो महीने पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी उनसे मध्यस्थता का आग्रह किया था।
भारत की घोषित नीति है कि कश्मीर मामले में वह किसी तीसरे पक्ष की दखल बरदाश्त नहीं करेगा। ट्रंप के बयान के बाद पहले विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने और बाद में संसद में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने ट्रंप के दावों को खंडन करते हुए साफ किया कि भारत के प्रधानमंत्री ने उनसे कभी ऐसा आग्रह नहीं किया। इसके साथ कश्मीर और पाकिस्तान के संबंधों पर भारत की नीति को दोहराया गया।
भारत ने पठानकोट हमले के बाद पाकिस्तान के साथ सभी प्रकार की बातचीत रोका हुआ है। भारत का स्टैंड है कि जब तक सीमा पार से आतंकवाद नहीं रु केगा पाकिस्तान से बातचीत नहीं होगी। हमारा भी मानना है कि भारत का कोई प्रधानमंत्री कश्मीर मामले पर किसी तीसरे पक्ष से मध्यस्थता का आग्रह नहीं करेगा। इसलिए या तो प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान पर दबाव डालने के लिए कहा होगा, जिसका उन्होंने गलत अर्थ लगाया या फिर उन्होंने जान-बूझकर किसी रणनीति के तहत झूठ बोला है।
यह ट्रंप की मूर्खता है। जो भी हो, स्वयं अमेरिका के लिए इस बयान के बाद अजीबोगरीब स्थिति पैदा हो गई है। ह्वाइट हाउस ने इमरान खान से मुलाकात के बाद जो बयान जारी किया, उसमें कश्मीर और मध्यस्थता जैसे शब्द नहीं हैं। बाद में अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने भी सधे हुए बयान में कहा है कि यह दोनों के बीच द्विपक्षीय मामला है और यदि दोनों बातचीत करते हैं तो अमेरिका को खुशी होगी और हम उसमें मदद कर सकते हैं।
यह अमेरिका द्वारा ट्रंप की बड़ी गलती से हुई क्षति को ठीक करने की कोशिश है। हालांकि इस मामले पर हमारे यहां हो रही राजनीति दुखद है। विदेश मंत्री के संसद में दिए गए बयान के बाद विपक्ष को शांत हो जाना चाहिए। यह ऐसा मामला है जिस पर देश की आवाज एक होनी चाहिए। एक स्वर से ट्रंप के बयान का विरोध होना चाहिए ताकि आगे दुनिया का कोई नेता ऐसी बात करने की सोचे भी नहीं।
Tweet![]() |