हम होंगे कामयाब
निस्संदेह, मिशन चन्द्रयान 2 के प्रक्षेपण को स्थगित करने के फैसले से देश को मायूसी हाथ लगी है।
हम होंगे कामयाब |
जब पूरा देश रात में सोने की जगह टकटकी लगाए टीवी चैनलों पर चन्द्रयान के प्रक्षेपण पर नजर गड़ाए हो और तय उड़ान से 56 मिनट 24 सेकेंड पहले घोषणा की जाए कि तकनीकी खराबी की वजह से इसकी लाँचिंग को टाल दिया गया है तो निराशा होना स्वाभाविक है। किंतु यह बिल्कुल स्वाभाविक स्थिति है एवं इससे हमें मायूस नहीं होना चाहिए। इसे तो वैज्ञानिकों की कार्यकुशलता कहनी चाहिए कि समय के पूर्व कोई गड़बड़ी उनकी पकड़ में आ गई। यदि प्रक्षेपण के बाद दुर्घटना होती तो अब तक के सारे व्यय और परिश्रम पर पानी फिर जाता।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने कहा है कि लांच व्हीकल सिस्टम में प्रक्षेपण से करीब एक घंटे पहले तकनीकी खराबी आ गई। इसे केवल टाला गया है। गड़बड़ी को दुरुस्त करके अगले प्रक्षेपण का समय तय किया जाएगा। अगर कोई गड़बड़ी है तो उसे मिशन पर भेजा नहीं जा सकता था। यह वैज्ञानिकों पर छोड़ना चाहिए कि वह इसका परीक्षण करें कि गड़बड़ी सामान्य है या जटिल तथा उसे ठीक करें। ईजन से ईधन लीक होने की भी बात की जा रही है। जो भी हो, वैज्ञानिकों ने पूरी प्रणाली के एक-एक अंग पर हर सेकेंड गहरी नजर रखी और ऐन समय पर गड़बड़ी पकड़ में आ गई।
अंतरिक्ष में हमारी प्रगति को देखते हुए हमें आंख मूंदकर विश्वास करना चाहिए कि वैज्ञानिक शीघ्र ही चन्द्रयान 2 को प्रक्षेपित कर अपना झंडा गाड़ेंगे। यह अत्यंत ही महत्त्वाकांक्षी मिशन है। इसके द्वारा भारत चन्द्रमा के उस दक्षिणी हिस्से में जाने वाला है, जहां आज तक कोई नहीं गया। अगर उस क्षेत्र में पानी है तो जीवन की भी संभावना हो सकती है। अभी तक पृथ्वी के अलावा किसी भी ग्रह-उपग्रह पर जीवन की जानकारी मनुष्य को नहीं मिली है।
भारत वहां पानी की खोज करेगा तथा उसके साथ जीवन की भी। इसमें यदि हमारे वैज्ञानिक निश्चित अंतिम निष्कर्ष तक पहुंच गए तो यह बहुत बड़ी उपलब्धि होगी। इसके बाद मनुष्य को भी चन्द्रमा पर भेजने की योजना है। हमारे वैज्ञानिकों ने जो लक्ष्य निर्धारित किया है, राजनीतिक नेतृत्व को उसका पूरा समर्थन है और देश भी इनके साथ है। ऐसे समय में हमें वैज्ञानिकों का हौसला बढ़ाना चाहिए। पूरा देश संकल्प के साथ उनके साथ खड़ा हो तो निश्चित मानिए कुछ महीने में ही हम चन्द्रमा पर उतरने वाली दुनिया की चौथी महाशक्ति बन जाएंगे।
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