हड़ताल समाप्ति से राहत

Last Updated 19 Jun 2019 07:04:30 AM IST

डॉक्टरों की हड़ताल खत्म होने से पूरे देश ने राहत की सांस ली है।


हड़ताल समाप्ति से राहत

अगर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपनी अधिनायकवादी जिद पर नहीं अड़तीं तो डॉक्टरों का देशव्यापी हड़ताल नहीं होता एवं लाखों मरीजों और उनके रिश्तेदारों को परेशानियों से नहीं गुजरना पड़ता। जिस तरह से कोलकाता में एक समूह ने तैयारी करके डॉक्टरों पर हमला किया, वह पश्चिम बंगाल की समग्र कानून और व्यवस्था की वर्तमान स्थिति का ही विस्तार था। जब पुलिस हिंसा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करेगी और मुख्यमंत्री घायल डॉक्टरों की सुध लेने की जगह उनकी ही आलोचना करेंगी तो फिर स्थिति बिगड़ेगी ही। अगर डॉक्टरों से भी कुछ गलतियां हुई तो उन पर नियोजित हमला नहीं होना चाहिए था। यह वहां तैनात पुलिस का दायित्व था कि वैसा न होने दे। मुख्यमंत्री ने अजीब रवैया अख्तियार कर लिया था। डॉक्टरों की हड़ताल को भाजपा-माकपा द्वारा प्रायोजित करार देकर उन्होंने नौकरी से और हॉस्टल से निकालने की धमकी दे दी। प्रतिक्रिया में डॉक्टरों के इस्तीफे शुरू  हो गए। फिर पूरे देश के डॉक्टरों ने बंगाल के डॉक्टरों की मांग का समर्थन कर दिया और देश के सारे सरकारी अस्पताल के कामकाज ठप होने लगे। ममता को स्थिति इतनी बिगड़ जाने की तनिक भी आशंका नहीं रही होगी।

यह सामान्य बात नहीं है कि डॉक्टरों ने बंद कमरे में उनसे बातचीत का प्रस्ताव यह कहते हुए ठुकरा दिया कि उनको अपनी सुरक्षा की चिंता है। एक मुख्यमंत्री के सामने डॉक्टर असुरक्षित महसूस करें इससे पता चलता है कि माहौल कैसा है? मीडिया के सामने बातचीत में ममता के सामने अपने को संयमित रखने के अलावा कोई चारा नहीं था। उम्मीद करनी चाहिए कि आगे से इसकी पुनरावृत्ति नहीं होगी। इस घटना से सबक लेकर केंद्र एवं राज्य सरकारों, अस्पतालों एवं डॉक्टरों के संगठनों को भी अपनी ओर से कदम उठाने चाहिए। डॉक्टरों की सुरक्षा तो महत्त्वपूर्ण है, लेकिन स्थिति मरीजों के परिजनों के गुस्से और हमले तक नहीं पहुंचे इसके लिए व्यवस्था उतनी ही ज्यादा जरूरी है। सरकारें सुरक्षा के लिए कदम उठाए तो अस्पताल एवं मेडिकल संघ डॉक्टरों के व्यवहार के लिए नये सिरे से दिशा-निर्देश जारी करे। इसमें विपरीत परिस्थतियों में अपना संतुलन बनाए रखना, मरीजों के रिश्तेदारों के गुस्से पर शांत तरीके से उत्तर देना, इलाज में किसी तरह की कोताही नहीं करना और ऐसा न करनेवालों पर कार्रवाई आदि बातें शामिल हो सकती हैं।



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