RCB vs PBKS: जीत के बाद विराट कोहली ने कहा- जब तक IPL खेलूंगा, RCB के लिये ही खेलूंगा
विराट कोहली ने आखिरकार 18 साल बाद आईपीएल ट्रॉफी पर कब्जा जमाया और अपने अधूरे सपने को साकार कर लिया। आरसीबी ने 18 साल बाद चौथा आईपीएल फाइनल खेलते हुए पहली बार खिताब पर कब्जा जमाया।
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11 बजकर 20 मिनट : पसीने से सराबोर विराट कोहली थोड़े अधीर दिखते हैं । आखिर हो भी क्यों नहीं , उनका और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू का पहला आईपीएल खिताब बस एक ओवर दूर था ।
11 बजकर 25 मिनट : जोश हेजलवुड ने 20वें ओवर में आरसीबी की जीत सुनिश्चित कर दी ।कोहली की आंखें भर आई और आंसू कपालों पर आ गिरे। अपना चेहरा उन्होंने हथेली में छिपा लिया। आरसीबी के खिलाड़ी उन्हें घेरकर कूदने लगे। आखिर 18 नंबर की जर्सी का 18 साल का इंतजार खत्म हुआ।
एक महान खिलाड़ी और उस पर अटूट भरोसा करने वाली एक टीम के लिये यह सबसे भावनात्मक पल था । पिछले 18 साल की नाकामियां और निराशा इस पल में पीछे छूट गई । एकमात्र खिताब जो इस पीढी के महानतम क्रिकेटर की झोली में अभी तक नहीं गिरा था, आखिरकार उसे मिला ।
जीत के बाद कोहली ने कहा , ‘‘यह टीम उतनी ही प्रशंसकों की है, जितनी की टीम की। 18 साल का लंबा समय। मैने अपनी जवानी, प्राइम और अनुभव सब कुछ इस टीम को दिया । मैने हर सत्र में जीतने की कोशिश की । जो भी मेरे पास था, दिया ।’’
फाइनल के बाद कोहली ने अपनी पत्नी अनुष्का को गले लगाया।
उन्होंने कहा , ‘‘आखिरकार खिताब जीतना अविश्वसनीय अनुभव है । कभी सोचा नहीं था कि यह दिन आयेगा । आखिरी गेंद डाले जाने के समय मैं बहुत भावुक हो गया था । मैने अपनी पूरी ऊर्जा झोंक दी थी और यह अद्भुत अहसास है ।’’
उनके जिगरी दोस्त उस समय सीमा रेखा के पास खड़े थे।
कोहली ने उनके बारे में कहा ,‘‘एबीडी ने जो इस टीम के लिये किया, वह अद्भुत है । मैने उससे कहा कि यह जीत उतनी ही उसकी है , जितनी कि हमारी । मैं चाहता हूं कि तुम हमारे साथ जश्न में शामिल हो । वह चार साल पहले रिटायर होने के बाद भी सबसे ज्यादा बार प्लेयर आफ द मैच रहा । यह बताता है कि लीग पर, टीम पर और मुझ पर उसका क्या प्रभाव है । वह पोडियम पर रहने का हकदार है ।’’
कमेंटेटर मैथ्यू हेडन ने जब उनसे पूछा कि वनडे विश्व कप, टी20 विश्व कप और चैम्पियंस ट्रॉफी जीतने के बाद इस खिताब को वह कहां रखते हैं, कोहली ने कहा ,‘‘ यह भी ऊपर है । मैने पिछले 18 साल में इस टीम को सब कुछ दिया । इस टीम के साथ ही रहा । मैं टीम के साथ रहा और टीम मेरे साथ । मैने हमेशा इस टीम के साथ जीतने का सपना उेखा था । मेरा दिल बेंगलुरू में है और आत्मा भी । मैं जब तक आईपीएल खेलूंगा , बेंगलुरू के लिये ही खेलूंगा ।’’
कोहली और आरसीबी का सफर
कोहली और आरसीबी का सफर तभी शुरू हुआ जब आईपीएल ने क्रिकेट की दुनिया में पहला कदम रखा था । अठारह साल पहले बेचैन और युवा कोहली पश्चिम दिल्ली का वह गोल मटोल सा लड़का था जो जीत का जुनून लेकर उतरा था ।
उस समय आरसीबी के ड्रेसिंग रूम में राहुल द्रविड़, अनिल कुंबले और जाक कैलिस हुआ करते थे ।
आरसीबी ने कोहली पर भरोसा किया और उसके पूर्व मालिक विजय माल्या ने कोहली को अपने अंदाज में खेलने की छूट दी ।
फिर 2011 में कोहली आरसीबी के कप्तान बने । बाईस साल की उम्र में इतनी बड़ी जिम्मेदारी और इतना दबाव से भरा माहौल भी उन्हें विचलित नहीं कर सका ।
बारह साल और 143 मैचों तक कमान संभालने वाले कोहली डटे रहे । बेंगलुरू के क्रिकेटप्रेमियों से उनका दिल का रिश्ता गहरा होता गया । यह कोहली का करिश्मा ही था कि बेंगलुरू का हर क्रिकेटप्रेमी आरसीबी का वफादार प्रशंसक बन गया ।
महेंद्र सिंह धोनी जब चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान बने तब विश्व कप विजेता भारत के कप्तान बन चुके थे लेकिन कोहली और आरसीबी का रिश्ता धीरे धीरे गहरा होता गया ।
चेन्नई ने पांच बार आईपीएल जीता और रोहित शर्मा की मुंबई इंडियंस ने भी । सनराइजर्स हैदराबाद और डेक्कन चार्जर्स ने भी खिताब जीते ।
कोहली ने लेकिन कभी आरसीबी से नाता तोड़ने की नहीं सोची । दर्शकों का प्यार उनकी प्रेरणा रहा और जुनून भी । एक सपना हमेशा उनकी आंखों में पलता रहा , आरसीबी के लिये आईपीएल जीतने का ।
इस दशक के क्रिकेट के सबसे बड़े ‘शो मैन’ को आखिरकार आईपीएल का ताज मिला । क्रिकेट के अनगिनत रिकॉर्ड अपने नाम कर चुके कोहली के साथ ही दुनिया भर के आरसीबी प्रशंसक इस पल को शायद ही कभी भुला सकेंगे ।
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