‘हलाल’ मांस की सिफारिश करने पर बीसीसीआई कठघरे में

Last Updated 24 Nov 2021 01:40:51 AM IST

भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) मंगलवार को तब विवादों से घिर गया जब पता चला कि न्यूजीलैंड के खिलाफ कानपुर में पहले टेस्ट मैच के दौरान भारतीय क्रिकेटरों के लिए केवल ‘हलाल’ मांस की सिफारिश की गई है।


‘हलाल’ मांस की सिफारिश करने पर बीसीसीआई कठघरे में

भारतीय क्रिकेटरों के लिए जो व्यंजन सूची (मेन्यू) तैयार किया गया है, उसकी एक प्रति पीटीआई के पास भी है। इसमें स्पष्ट तौर पर लिखा गया है कि पोर्क (सूअर का मांस) और बीफ (गौमांस) किसी भी रूप में भोजन का हिस्सा नहीं होने चाहिए।

सोशल मीडिया पर बीसीसीआई पर तरह-तरह के तंज कसे जा रहे हैं। मंगलवार सुबह से ही ट्विटर पर बीसीसीआईप्रमोट्सहलाल ट्रेंड हो रहा है। यहां लोगों द्वारा बीसीसीआई पर हलाल मीट प्रमोट करने का आरोप लगाया जा रहा है।

भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता गौरव गोयल ने भी इस विवाद पर प्रतिक्रिया दी है और बीसीसीआई पर निशाना साधा है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, ‘बीसीसीआई को हलाल प्रमोट नहीं करना चाहिए।

बीसीसीआई यह याद रखे कि बीसीसीआई बोर्ड भारत में बना है, पाकिस्तान में नहीं।’ कुछ यूजर्स ने ट्विटर पर लिखा है कि हलाल मीट सिर्फ मुस्लिमों के लिए जरूरी है। ऐसे में सभी भारतीय खिलाड़ियों के लिए इसे अनिवार्य नहीं किया जाना चाहिए। कुछ लोगों ने कहा कि बीसीसीआई इस तरह का फैसला लेकर देश को संकट में डाल रहा है।

इस संबंध में जब बीसीसीआई के अधिकारियों से बात करने का प्रयास किया तो कोई भी प्रतिक्रिया देने के लिए तैयार नहीं था। माना जा रहा है कि भोजन की यह सूची खिलाड़ियों के पोषण को ध्यान में रखते हुए सहयोगी स्टॉफ और चिकित्सा दल ने तैयार की है।

एक पूर्व भारतीय क्रिकेटर ने कहा कि सूअर का मांस और गौमांस को भोजन सामग्री में शामिल नहीं करना आश्चर्यजनक नहीं हैं लेकिन इस बारे में कभी लिखित निर्देश नहीं दिए गए।

भाषा/वार्ता
नई दिल्ली


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