सचिन तेंदुलकर का इमोशनल पोस्ट- आंसू छलक जाने से मर्द कमजोर नहीं होता
दिग्गज क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने 'इंटरनेशनल मेंस वीक' के अवसर पर इमोशनल पोस्ट किया है जिसमें उन्होंने पुरुषों से मजबूत बनने का अनुरोध किया है।
![]() दिग्गज क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर (फाइल फोटो) |
दिग्गज क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने 'इंटरनेशनल मेंस वीक' के अवसर पर सभी लड़कों और पुरुषों के नाम एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने पुरुषों से मजबूत बनने के लिए भावनाओं का खुलकर इजहार करने का अनुरोध किया और कहा कि पुरुषों को अगर रोना आए तो रोना चाहिए। पुरुषों के लिए ऐसा करना सही है।
सचिन ने अपने करियर में पहली बार पुरुषों और युवा लड़कों के लिए एक खुला पत्र लिखा है। उन्होंने अपने इस पत्र में कहा कि पुरुषों को अपनी भावनाओं को छिपाना नहीं चाहिए और मुश्किल पलों में यदि वे भावुक हो जाएं तो अपने आंसुओं को बहने दें।
सचिन ने पत्र में लिखा, "आप जल्द ही पति, पिता, भाई, दोस्त, मेंटर और अध्यापक बनेंगे। आपको उदाहरण तय करने होंगे। आपको मजबूत और साहसी बनना होगा।" उन्होंने कहा, "आपके जीवन में ऐसे पल आएंगे, जब आपको डर, संदेह और परेशानियों का अनुभव होगा। वह समय भी आएगा जब आप विफल होंगे और आपको रोने का मन करेगा।"
दिग्गज बल्लेबाज ने आगे लिखा, "यकीनन ऐसे समय में आप अपने आंसुओं को रोक लेंगे और मजबूत दिखाने का प्रयास करेंगे, क्येंकि पुरुष ऐसा ही करते हैं। पुरुषों को इसी तरह बड़ा किया जाता है कि पुरुष कभी रोते नहीं। रोने से पुरुष कमजोर होते हैं। मैं भी यही सोचते हुए बड़ा हुआ था। लेकिन, मैं गलत था।"
उन्होंने कहा, "मैं अपने जीवन में कभी भी 16 नवंबर 2013 की तारीख को भूल नहीं सकता। मेरे लिए उस दिन आखिरी बार पवेलियन लौटना बहुत मुश्किल था और दिमाग में बहुत कुछ चल रहा था। मेरा गला रुंध गया था लेकिन फिर अचानक मेरे आंसू दुनिया के सामने बह निकले और हैरानी की बात है कि उसके बाद मैंने शांति महसूस की। अपने आंसुओं को दिखाना कोई शर्म की बात नहीं है। अपने व्यक्तित्व के एक हिस्से को क्यों छिपाना जो वास्तव में आपको मजबूत बनाता है।"
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