सिंधु ने विश्व चैंपियनशिप से लेकर ओलंपिक तक भारत को गौरवान्वित किया
भारतीय बैडमिंटन स्टार पीवी सिंधु ने विश्व चैंपियनशिप से लेकर ओलंपिक तक लगातार भारत को गर्व करने के अवसर प्रदान कर रही हैं।
![]() भारतीय स्टार शटलर पीवी सिंधु प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ। |
टोक्यो ओलिंपिक-2020 में भारतीय स्टार शटलर पीवी सिंधु ने इतिहास रचा दिया वह न केवल बैडमिंटन इतिहास में भारत के लिए दो मेडल जीतने वाली पहली शटलर बनीं, बल्कि व्यक्तिगत खेल में ऐसा करने वाली पहली महिला एथलीट भी बन गई हैं।
इससे पहले उन्होंने रियो ओलिंपिक में सिल्वर मेडल अपने नाम किया था। टोक्यो ओलंपिक में सेमीफाइनल में हार के बावजूद अपनी प्रतिभा की चमक को बनाए रखते हुए उन्होंने कांस्य पदक जीत लिया।
पीवी सिंधु विश्व चैंपियनशिप से लेकर ओलंपिक तक लगातार भारत को गर्व करने के अवसर प्रदान कर रही हैं।
उन्होंने कामयाबी को अपनी आदत बना लिया है और अभी उनका सफर जारी है। सोचिये कि वह बैडमिंटन रैकेट कितना कीमती होगा जिससे पीवी सिंधु ने इतिहास बनाया।
बिल्कुल सही सोचा आपने वाकई वह रैकेट बेशकीमती है लेकिन राष्ट्र के हित मे एक बड़े उद्देश्य के लिये अब पीवी सिंधु का वह ऐतिहासिक रैकेट को कोई भी अपना बना सकता है।
पीवी सिंधु ने ओलंपिक में विजय पताका फहराने के बाद भारत लौट कर प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी को अपना रैकेट उपहार स्वरूप भेंट कर दिया। अब जबकी प्रधानमंत्री को मिले उपहारों का ई-ऑक्शन शुरू हो चुका है।
सिंधु का बैडमिंटन भी उन वस्तुओं की सूची में शामिल है जिनका ऑक्शन किया जा रहा है।
यह ई-आक्शन (ई-नीलामी) 17 सितम्बर से 7 अक्टूबर तक चलेगा। सिंधु की उपलब्धि की निशानी को आप हासिल कर गौरवान्वित हो सकते हैं।
बस https://pmmementos.gov.in पर लॉग ऑन कर ई-ऑक्शन में हिस्सा लें। इस ऑक्शन में पीवी सिंधु के रैकेट का बेस प्राइज 80 लाख रखा गया है।
इससे पहले भी प्रधानमंत्री को मिलने वाले उपहारों की नीलामी होती रही है। आखिरी बार साल 2019 में ऐसा ऑक्शन हुआ था। पिछली बार नीलामी में सरकार ने 15 करोड़ 13 लाख रुपये हासिल किए थे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में वह पूरी राशि गंगा को स्वच्छ और निर्मल बनाने हेतु 'नमामि गंगे कोश ' में जमा की गयी थी। इस बार भी ऑक्शन से मिलने वाली राशि 'नमामि गंगे कोश ' को प्रदान की जाएगी।
| Tweet![]() |