टोक्यो ओलम्पिक महिला हॉकी क्वार्टर फाइनल : इस मैच ने साबित किया कि सपने सच होते हैं : मरिने
भारतीय महिला हॉकी टीम के कोच शुअर्ड मरिने ने कहा है कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ क्वार्टर फाइनल के मैच ने साबित किया है कि सपने सच होते हैं।
![]() भारतीय महिला हॉकी टीम के कोच शुअर्ड मरिने भारतीय हॉकी टीम के साथ। |
भारत ने विश्व की नंबर-2 टीम ऑस्ट्रेलिया को 1-0 से हराकर ओलंपिक में पहली बार सेमीफाइनल में जगह बनाई। भारतीय टीम का सेमीफाइनल में सामना चार अगस्त को अर्जेटीना से होगा।
मरिने ने कहा, "जब हम क्वार्टर फाइनल के लिए क्वालीफाई किए तो मैंने टीम से इस पल की महत्वत्ता के बारे में बात की। किसी भी एथलीट के लिए यह कठिन हालात होते हैं क्योंकि दिमाग में कई चीजें चल रही होती हैं, जैसे अगर हम मैच नहीं जीत सके तो या मैं बॉल को नहीं रोक पाई तो क्या होगा। मैंने टीम को एक फिल्म दिखाई और मुझे लगता है कि इसने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बड़ा बदलाव दिखाया।"
कोच ने कहा कि टोक्यो आने से पहले सबसे बड़ा नुकसान हमारे लिए यह था कि हमने मैच अभ्यास कम किया था। महामारी के कारण यूरोप और अन्य देशों ने भारत से उड़ानों को प्रतिबंधित किया था जिसके कारण प्रतिस्पर्धी मैच भी नहीं हो सके।
मरिने ने टीम से कहा था कि बिना दबाव के खेले क्योंकि इस मैच में खोने के लिए कुछ नहीं है।
उन्होंने कहा, "आज मैंने लड़कियों से कहा कि खुल कर खेलें। दबाव विपक्षी टीम पर है और यह जानना बहुत जरूरी है। जो टीम शीर्ष रैंकिंग की होती है उसके लिए क्वार्टर फाइनल मैच कठिन होता है। मैं चाहता था कि खिलाड़ी खुद पर गर्व करें।"
मरिने ने कहा, "इस मैच ने साबित किया है कि सपने सच होते हैं। अगर आप खुद पर भरोसा रखते हैं और मेहनत करते हैं तो आपको चीजें मिल सकती हैं। आपको सपने पूरे करने के लिए काम करना पड़ता है और हमने आज ऐसा ही किया।"
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