दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को नरेंद्र ध्रुव बत्रा को हॉकी इंडिया का आजीवन सदस्य और एलेना नॉर्मन को सीईओ नियुक्त करने के फैसले को चुनौती देने वाली पूर्व ओलंपियन असलम शेर खान की याचिका पर सुनवाई करते हुए इस बारे में केंद्र सरकार और हॉकी इंडिया से जवाब मांगा है।
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मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायाधीश प्रतीक जालान की अध्यक्षता वाली हाईकोर्ट की एक डिविजन बेंच ने इस मामले में केंद्र सरकार, हॉकी इंडिया, नरेंद्र बत्रा और नॉर्मन के नाम नोटिस इश्यू करते हुए इस बारे में उनके जवाब मांगे है।
1975 में विश्व कप में स्वर्ण जीतने वाली टीम के सदस्य रहे असलम शेर खान ने हॉकी इंडिया के उस फैसले को चुनौती दी है, जिसमें उसने 'लाइफ मेंबर', 'लाइफ प्रेसिडेंट' और 'सीईओ' जैसे कुछ पदों का गठन किया है। शेर खान ने अपनी याचिका में कहा है कि यह एनएससीआई-2011 के नियमों के अलावा सर्कुलर 1975 और 2001 के गाइडलाइंस के आधार पर अवैध है।
याचिका में यह भी कहा गया है कि हॉकी इंडिया के विभिन्न पदों पर रहते हुए जो वित्तीय फायदे हासिल किए हैं, वे भी उनके वापस लिए जाएं। इन दोनों से वापस ली गई रकम खेल संघ के कोष में जमा किया जाना चाहिए।