महिला विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप : बोरो और बोरगोहेन विश्व बॉक्सिंग के अंतिम आठ में
पिछले साल की कांस्य पदक विजेता लवलीना बोरगोहेन (69 किलो) और पहली बार खेल रही जमुना बोरो (54 किलो) बुधवार को महिला विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप के क्वार्टर फाइनल में पहुंच गईं।
उलान उदे (रूस) : मुकाबले में विजयी भारतीय बॉक्सर जमुना बोरो (दाएं)। |
बोरो ने पांचवीं वरीयता प्राप्त अल्जीरिया की यूदाद फाउ को हराया जबकि तीसरी वरीयता प्राप्त बोरगोहेन ने मोरक्को की यूमाया बेल अहबिब को 5-0 से मात दी। बोरो का सामना अब जर्मनी की उसरुला गोटलोब से होगा जिसने यूरोपीय चैम्पियनशिप की कांस्य पदक विजेता बेलारूस की यूलिया अपानासोविच को 3-2 से शिकस्त दी।
बोरगोहेन की टक्कर छठी वरीयता प्राप्त पोलैंड की कैरोलिना कोजेवस्का से होगी जिसने उजबेकिस्तान की शाखनोजा युनूसोवा को हराया। असम राइफल्स की बोरो ने आक्रामक शुरुआत की। उसने बराबरी के रहे दूसरे और तीसरे राउंड में अच्छे पंच लगाये।
बोरो की मां सब्जी बेचकर गुजारा करती हैं लेकिन उसने इस साल इंडिया ओपन में स्वर्ण पदक जीतकर अपनी प्रतिभा की बानगी पेश की। उसने 2015 युवा विश्व चैंपियनशिप में भी कांस्य जीता था।
बोरो ने जीत के बाद कहाल्, ‘मैं शुरू में दुविधा में थी लेकिन बाद में मैने उस पर दबाव बना लिया।’ पहले सत्र के आखिरी मुकाबले में बोरगोहेन का सामना अहबिब से था। उसने दूरी बनाकर खेलते हुए शानदार प्रदर्शन किया।
मोरक्को की मुक्केबाज ने कुछ दमदार घूंसे लगाये लेकिन जवाबी हमलों में बोरगोहेन ने बाजी मारी। उसने जीत के बाद कहा, ‘मेरे लिए यह कठिन नहीं था। मैने अपनी रणनीति के अनुसार खेला और इस लय को बरकरार रखने की उम्मीद है।’
भारत के पांच मुक्केबाज क्वार्टर फाइनल में पहुंच चुके हैं जिनमें छह बार की चैंपियन एम सी मेरीकाम (51 किलो), मंजू रानी (48 किलो), कविता चहल (प्लस 81 किलो) भी शामिल हैं। चहल को सीधे क्वार्टर फाइनल में प्रवेश मिला है क्योंकि उनके वर्ग में प्रतियोगी कम हैं।
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