भारत-कनाडा डेविस कप मुकाबले में युवाओं पर होगा दारोमदार

Last Updated 14 Sep 2017 09:22:08 PM IST

भारत कल से एडमंटन में डेविस कप विश्व ग्रुप में क्वालीफाई करने के लगातार चौथे प्रयास में कनाडा से भिड़ेगा जिसमें टीम युकी भांबरी और रामकुमार रामनाथन से हाल के शानदार प्रदर्शन को जारी रखने की उम्मीद करेगी.


युकी भांबरी और रामकुमार रामनाथन (फाइल फोटो)

कनाडा के डेनिस शापोवालोव के खिलाफ उन्हें बेहतरीन खेल दिखाना होगा, जिन्होंने मांट्रियल मास्टर्स में राफेल नडाल को हराकर सभी को हैरान कर दिया था. इसके बाद वह अपने दूसरे ही ग्रैंडस्लैम में अमेरिकी ओपन के चौथे दौर में पहुंचने वाले सबसे युवा खिलाड़ी बन गये.

अठारह वर्षीय और दुनिया के 51वें नंबर के खिलाड़ी शापोवालोव ने बेहतरीन खेल दिखाते हुए पिछले कुछ महीनों में जुआन मार्टिन डेल पोत्रो और जो विल्फ्रेड सोंगा को शिकस्त दी.
 
वहीं भारतीय चुनौती की जिम्मेदारी युकी और रामकुमार के कंधों पर होगी जिन्होंने भी हाल के दिनों में गेल मोंफिल्स और डोमिनिक थिएम को पराजित कर सनसनी फैलायी थी.
        
इन दोनों युवा भारतीयों से काफी उम्मीदें लगायी जा रही थीं लेकिन युकी (157 रैंकिंग) को चोटों और रामकुमार (154 रैंकिंग) को आत्मविश्वास की कमी से अपने करियर में नुकसान उठाना पड़ा.

युकी और रामकुमार ने हालांकि पिछले कुछ समय में अच्छे परिणाम हासिल किये हैं जिससे उम्मीद लगी है कि वे शापोवालोव के खिलाफ जीत दर्ज कर सकते हैं.

युकी खिलाड़ी के तौर पर काफी परिपक्व हुए हैं और डेविस कप के दबाव भरे मुकाबलों में उन्होंने मानसिक मजबूती का भी प्रदर्शन किया है. हाल में उन्होंने जो जीत दर्ज की, उसमें खेल पर नियत्रंण और दबाव भरे हालात से उबरने की क्षमता दिखायी.  रामकुमार ने अपनी बड़ी सर्विस से और सुधरती फिटनेस से अच्छा प्रदर्शन दिखाया है जिससे भारत को उम्मीद बंधी हुई है.

हालांकि कनाडा के एक अन्य एकल खिलाड़ी वासेक पोसपिसिल (82 रैंकिंग) से युकी और रामकुमार को कोई बड़ी समस्या नहीं होनी चाहिए. वह भले ही दोनों भारतीयों से ऊंची रैंकिंग का खिलाड़ी हो लेकिन वह इस मुकाबले से पहले लगातार पांच मैचों में हार का सामना कर चुके हैं और अंतिम शिकस्त अमेरिकी ओपन के पहले दौर में मिली थी.

युकी उससे अंतिम बार 2014 में चेन्नई ओपन के क्वार्टरफाइनल में भिड़े थे जिसमें उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा था जबकि रामकुमार कभी भी उनके खिलाफ नहीं खेले हैं.



कनाडा ने जब इस साल फरवरी में वि ग्रुप के पहले दौर में ग्रेट ब्रिटेन की मेजबानी की थी तब पोसपिसिल ने अपने दोनों एकल मुकाबले जीते थे.

वहीं शापोवालोव को अपने दोनों मैचों में हार मिली थी, जिसमें निर्णायक पांचवां मुकाबला भी शामिल था जिसमें उन्होंने निराशा में अंपायर को बॉल हिट कर दी थी और उन्हें इसका खामियाजा भुगतना पड़ा.

अगर युकी और रामकुमार पहले दिन एक अंक हासिल कर लेते हैं तो इससे काफी बड़ा अंतर पड़ेगा और भारत की लय भी तय हो जायेगी.

रोहन बोपन्ना और साकेत मायनेनी की जोड़ी भी शानदार होगी. वहीं विपक्षी टीम में डेनियल नेस्टर और पोसिपिसिल या ब्रैडले शनुर शामिल होंगे. शनुर ने अभी तक एक भी डेविस कप मैच नहीं खेला है.

विशेषज्ञों का मानना है कि विपक्षी टीम में दुनिया के 11वें नंबर के खिलाड़ी मिलोस राओनिच की अनुपस्थिति में भारत के पास यह विश्व ग्रुप में दोबारा प्रवेश करने का सर्वश्रेष्ठ मौका होगा.
        
लगातार चौथे वर्ष भारतीय टीम विश्व ग्रुप में क्वालीफाई करने के द्वार पर पहुंची है, उसे पिछले तीन वर्षो में प्ले आफ में 2014 में बेंगलुरू में सर्बिया से, नयी दिल्ली में 2015 चेक गणराज्य से और 2016 में नयी दिल्ली में स्पेन से शिकस्त मिली थी.

भारतीय कप्तान महेश भूपति ने भी स्वीकार किया है कि इंडोर कोर्ट से यह मुकाबला काफी चुनौतीपूर्ण होगा और गलतियों की संभावना कम होनी चाहिए.

भारत ने अंतिम विश्व ग्रुप मैच मार्च 2011 में खेला था जब उसे गत चैम्पियन सर्बिया से 1-4 से पराजय मिली थी.

भाषा


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