खिलाड़ियों को अब नहीं खाने होंगे खेल मंत्रालय के धक्के
अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने वाले खिलाड़ियों को खेल मंत्रालय के गलियारों में धक्के खाने से बचाने के लिए मंत्रालय सिंगल विंडो प्रणाली शुरू कर रहा है.
खेल मंत्री राज्यवर्धन राठौर (फाइल फोटो) |
खिलाड़ियों की संपूर्ण जानकारी और उनकी समस्याओं को ट्रैक करने के लिए आईटी इनेबल मैनेजमेंट सिस्टम तैयार किया जाएगा. कभी-कभी खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में भाग लेने और कोंचिंग से जुड़े मुद्दे सुलझाने के लिए खेल मंत्रालय और उनके अधिकारियों के चक्कर काटने पड़ते हैं. अब इस तरह पूरे सिस्टम में बदलाव किया जा रहा है.
नए खेल मंत्री राज्यवर्धन राठौर का कहना है कि मंत्रालय में सिंगल विंडो सिस्टम की तैयारी की जा रही है. यहां खिलाड़ियों से जुड़ी समस्याओं को समाधान किया जाएगा. उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि खिलाड़ी अपने खेल पर ध्यान दें. हम कोशिश करेंगे कि उन्हें मंत्रालय ही न आना पड़े,लेकिन यदि उन्हें आना भी पड़े तो उनकी समस्याओं का समाधान सिंगल खिड़की से हो जाए.
खिलाड़ियों के लिए मंत्रालय में लांज बनेगा : खिलाड़ी अपनी समस्याओं और फंडिंग दिक्कतों को लेकर मंत्रालय के अधिकारियों के चक्कर काटते रहते रहे हैं. हम एक लांज बनाने जा रहे हैं, जहां खिलाड़ियों को आना होगा और अधिकारी उनके पास आकर उनकी समस्याओं का निवारण करेंगे. हम सूचना प्रौद्योगिकी सक्षम प्रबंधन पण्राली शुरू करने जा रहे हैं. हर खिलाड़ी का डाटाबैंक रहेगा. अधिकारी खिलाड़ी के पास जाकर उसकी समस्या का समाधान निकालेगा. यह चौबीस घंटे का मंत्रालय होगा क्योंकि टूर्नामेंटों की तैयारियों में जुटे खिलाड़ियों को कभी भी हमारी जरूरत पड़ सकती है. हमें खिलाड़ियों के लिए अपने तक पहुंचना आसान बनाना होगा.
राठौर का कहना है कि वह अपना पूरा ध्यान आगामी खेलों की तैयारियों में लगा रहे हैं. राष्ट्रमंडल खेलों के लिए मात्र आठ महीने बचे हैं, एशियाई खेलों के लिए एक साल और उसके बाद फिर ओलंपिक खेल होने हैं. हम इन्हीं खेलों में बेहतर प्रदर्शन के लिए खिलाड़ियों को हर संभव मदद देंगे. खेल विकास विधेयक को संसद में लाने और खेलों को फिक्सिंग मुक्त करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह विधेयक 2013 से आ रहा है. हम इस पर भी र्चचा करेंगे लेकिन अभी नहीं. अभी हमारा जोर आगामी खेलों की मजबूत तैयारी करने पर है.
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