अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर बुधवार को यमुनोत्री धाम के कपाट खोल दिए गए। वैदिक मंत्रोच्चार के साथ बुधवार को 11 बजकर 55 मिनट पर यमुनोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोले गए। इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु भी मौजूद रहे।

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पौराणिक परंपरा के अनुसार, वैदिक मंत्रोच्चार के साथ मां यमुना के कपाट भक्तों के लिए खोले गए। मां यमुना के शीतकालीन प्रवास खरसाली में अक्षय तृतीया के दिन यमुना मंदिर में पूजा-अर्चना की गई, जिसके बाद यमुना मां की डोली सोमेश्वर देवता के प्रांगण से यमुनोत्री धाम के लिए रवाना की गई। खरसाली से शनिदेव की डोली की अगुवाई में मां यमुना की डोली यमुनोत्री धाम पहुंची, जहां यमुनोत्री धाम के तीर्थ पुरोहितों ने विधिवत हवन किया और पूजा-अर्चना की।
शुभ मुहूर्त पर दोपहर 11 बजकर 55 मिनट पर यमुनोत्री धाम के कपाट छह माह तक यानी ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिए गए। देश-विदेश से आने वाले तीर्थयात्री ग्रीष्मकाल में मां यमुना के दर्शन यमुनोत्री धाम में कर सकेंगे।
तीर्थ पुरोहित विपिन उनियाल ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मुझे खुशी हो रही है कि आज यमुनोत्री धाम के कपाट खोल दिए गए हैं। इसी के साथ ही उत्तराखंड में आज से चारधाम यात्रा शुरू हो गई है। मैं सभी से अपील करूंगा कि हर्षोल्लास के साथ चारधाम यात्रा में हिस्सा लें।
अक्षय तृतीया के दिन यमुनोत्री और गंगोत्री के कपाट खुल जाते हैं। हिंदू धर्म में चार धाम यात्रा का विशेष महत्व है। चार धाम यात्रा का क्रम यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ है।
यमुनोत्री और गंगोत्री के बाद दो मई को केदारनाथ और चार मई को बद्रीनाथ धाम के कपाट भी खुल जाते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यमुनोत्री से यात्रा शुरू करने पर चारधाम यात्रा में किसी भी प्रकार की रुकावट भक्तों को नहीं आती है। यमुनोत्री, यमुना नदी का उद्गम स्थल है। यमुना जी यमराज की बहन हैं और उन्हें वरदान प्राप्त है कि वह अपने जल के माध्यम से सभी का दुख दूर करेंगी। मान्यता है कि जो श्रद्धालु यमुनोत्री में स्नान करता है, उसे मृत्यु के भय से मुक्ति मिल जाती है। इसी वजह से भक्त चारधाम यात्रा की शुरुआत यमुनोत्री से करते हैं।
हर साल की तरह इस बार भी बाबा केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के दर्शन के लिए लाखों श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान है। यात्रा के दौरान केदारनाथ धाम के लिए हेली सेवाएं 2 मई से शुरू होंगी, जब धाम के कपाट खुलेंगे।
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